‘हॉट समर’, पहलगाम को लेकर पहले ही आ गया था इंटेलीजेंस इनपुट, मिल रहे थे ISI, जैश, लश्कर और हमास, फिर कैसे हुई चूक?

पहलगाम हमले को लेकर को खुफिया एजेंसियों ने पहले ही अलर्ट कर दिया था. जम्मू कश्मीर में बीते दिनों में दो हाई-लेवल मीटिंग भी हुई थीं. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को पहलगाम में हमले वाली जगह पहुंचे, वहीं दूसरी ओर दिल्ली में रक्षा मंत्रालय की हाई-लेवल मीटिंग भी हुई. इस बीच एक और अहम जानकारी सामने आयी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही इस तरह के हमले को लेकर अलर्ट कर दिया था.खुफिया एजेंसियों ने हमले को लेकर पहले ही इनपुट दे दिया था. इंटेलीजेंस के सूत्रों ने अप्रैल की शुरुआत में ही इनपुट दे दिया था कि आतंकी पहलगाम जैसी पर्यटक जगह को निशाना बना सकते हैं. वे इसको लेकर योजना भी बना रहे हैं. इनपुट में यह भी जानकारी दी गई थी कि आतंकियों ने रेकी कर ली है और वे अब प्लान पर आगे बढ़ रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास, जैश और लश्कर का तालमेल बढ़ रहा था. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आईएसआई की निगरानी में आतंकियों को तैयार किया जा रहा था.

कश्मीर में दो हाई-लेवल के बाद हुआ हमला –

केंद्रीय गृह सचवि गोविंद मोहन ने 10 मार्च को जम्मू एक हाई-लेवल मीटिंग की थी. उन्होंने सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी. इसके करीब एक महीने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 6 अप्रैल को इंटीग्रेटेड कमान की बैठक की अध्यक्षता की. जम्मू कश्मीर के दो अलग-अलग क्षेत्रों में बड़ी मीटिंग हुई. इस बीच खुफिया एजेंसियों ने इनपुट देते वक्त कहा था कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर ‘हॉट समर’ की तैयारी कर रहा है.

जम्मू कश्मीर में अभी भी सक्रिय हैं 70 आतंकवादी –

रिपोर्ट्स के मुताबिक पहलगाम हमले में आतंकियों की मदद कुछ स्थानीय लोगों ने भी की थी. अगर केंद्रीय बलों के आंकड़ों को मानें तो जम्मू कश्मीर में अभी भी करीब 70 आंतकवादी सक्रिय हैं. पहलगाम हमले के बाद दो आतंकियों ने उरी में भी घुसपैठ की कोशिश की. लेकिन सेना के जवानों ने घुसपैठ को नाकाम कर दिया और आतंकियों को ढेर कर दिया. 

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