
हिमाचल प्रदेश में असुरक्षित भवनों की फेहरिस्त में विधायकों के आवास भी शामिल हैं. इनकी सुरक्षा का मुद्दा बीजेपी के एक विधायक ने विधानसभा में उठाया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में हिमाचल के असुरक्षित भवनों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मेट्रोपोल भवन अनसेफ घोषित है. विधायकों को उसमें आवास न अलॉट किए जाएं, यदि अनहोनी होती है तो विधानसभा इसके लिए जिम्मेदार होगी.
विधानसभा सत्र के अंतिम दिन बीजेपी विधायक विपिन परमार ने कहा कि हिमाचल की राजधानी शिमला में 66 सरकारी भवन असुरक्षित है. इनमें से कई भवनों में अभी भी अफसर और कर्मचारी रहते हैं. यहां तक कि मेट्रोपोल विधायक सदन भी असुरक्षित है, बावजूद इसके मेट्रोपोल में कई विधायक रह रहे हैं.
विधायकों के लिए नया भवन बनाएगी सरकार – सुक्खू
इस पर सीएम सुखविंदर सिंह ने बताया कि विधायकों की सुविधा को देखते हुए नया भवन बनाने के लिए सरकार द्वारा 38 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. 100 करोड़ रुपये और भी खर्च करने पड़ेंगे तो करेंगे. जहां वाहन पार्किंग भी भवन के अंदर ही बनाई जाएगी. इसलिए विधानसभा सचिवालय इस भवन को दो माह में खाली करवाए. यदि कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए विधानसभा सचिवालय जिम्मेदार होगा.
आवास मुहैया न करा पाने पर किराया देने को तैयार सरकार
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से अपील की कि मेट्रोपोल को खाली करवाया जाए. मेट्रोपोल में रह रहे कर्मचारियों को अन्य जगह आवास आवंटित किए जाएंगे. आवास नहीं होंगे तो उनको मकान का किराया उपलब्ध करवाया जाएगा. उनके लिए आवास किराया 10000 से 15000 रुपये तक देने की भी योजना बनाई गई है.