हिमाचल प्रदेश : मकान बनाने को पक्की जगह, भूवैज्ञानिक की रिपोर्ट अनिवार्य

हिमाचल प्रदेश में बनने वाले भवनों के लिए नियम और सख्त होंगे। मकान बनाने के लिए पक्की जमीन और जियोलॉजिस्ट (भूवैज्ञानिक) की रिपोर्ट अनिवार्य होगी। आपदा को लेकर गठित कैबिनेट सब कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें सब कमेटी ने यह सिफारिश की है। अब यह रिपोर्ट आगामी कैबिनेट की बैठक में रखी जाएगी। हिमाचल के जिला मंडी, कुल्लू, ऊना और शिमला में प्राकृतिक आपदा ने इस बार भारी तबाही मचाई है। इससे जानमाल के अलावा लोगों और सरकार को करोड़ों को नुकसान हुआ है। अब तक सरकार 2,347 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन कर चुकी है। प्रदेश में बेतरतीब ढंग से भवनों का निर्माण हो रहा है। कई लोग बिना इंजीनियर की सलाह ठेकेदार के साथ बैठकर भवनों का प्लान कर रहे हैं। मर्जी से भवनों के कॉलम खड़े किए जा रहे हैं। इसमें न तो यह देखा जा रहा रहा है कि कॉलम की दूरी कितनी होनी चाहिए। सरिया और सीमेंट किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे भवनों को खतरा रहता है।

दूसरे, सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि नदी-नालों से उचित दूरी पर भवनों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के लिए यह नियम लागू कर दिए गए हैं। अब लोगों के लिए भी इसे लागू किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में वर्ष 2023 से प्राकृतिक आपदा हिमाचल में भारी तबाही मचा रही है। नदी-नालों के किनारे बने भवन ढह रहे हैं। इससे जानमाल का नुकसान हो रहा है। प्राकृतिक आपदा के चलते राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। अधिकारियों की ओर से मौके पर रिपोर्ट तैयार की गई। इसके बाद सचिवालय में उनकी अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई। इसमें कई बिंदुओं पर चर्चा हुई है। अब सरकार को यह रिपोर्ट सौंपी है।

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