
जिले में 23 वर्ष बाद मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया यानी एसआईआर की तैयारी शुरू हो चुकी हैं। इसके लिए जिला स्तर पर टीमें तैनात कर दी गई हैं। पहले चरण में वर्ष 2002 और हाल की ही वर्ष 2024 की मतदाता सूची से मिलान का कार्य किया जा रहा है। प्री एसआईआर के तहत फिल्ड सत्यापन की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। 2024 की मतदाता सूची के अनुसार, जिले में 12,31,820 मतदाता हैं। एसआईआर से पहले की तैयारी में पुरानी सूची के साथ 5,40,068 यानी 43.84 प्रतिशत मतदाताओं के रिकाॅर्ड का मिलान ऑनलाइन किया जा चुका है। इस माह के अंत तक अन्य मतदाताओं के रिकाॅर्ड का भी मिलान करने का लक्ष्य रखा गया गया है।
दोनों सूचियों के मिलान का काम जिले के 1,181 बीएलओ को सौंपा गया है। इनके ऊपर 90 सुपरवाइजर निगरानी के लिए लगाए गए हैं। प्रत्येक बीएलओ वर्ष 2002 की सूची का बीएलओ एप के माध्यम से ताजा सूची से मिलान करेगा। प्रत्येक उपमंडल में संबंधित निर्वाचन पंजीयन अधिकारी यानी एसडीएम और जिला स्तर जिला निर्वाचन अधिकारी उत्तम सिंह निगरानी कर रहे हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार, ऐसे मतदाता जिनका नाम दोनों सूची में है, सबसे पहले उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। इसकी मैपिंग के बाद वंशावली का कार्य होगा। इसमें परिवार से जुड़े सभी वोट को एक जगह यानी एक ही बूथ पर किया जाएगा।
वंशावली में दादा से धेवते तक, बहुएं मायके में ही जुड़ेंगी
वंशावली की प्रक्रिया में एक ही परिवार के मतदाताओं में दादा से धेवते तक को शामिल किया जाएगा। दादा-दादी, माता-पिता और भाई-बहन लिए जाएंगे। बेटे की बहु को शामिल नहीं किया जाएगा। उसका रिकाॅर्ड अपने भाई के साथ यानी मायके में ही जुड़ेगा। निर्वाचन कानूनगो अमित के अनुसार, आयोग के निर्देश पर वंशावली की प्रक्रिया में वर्ष 2025 में अब तक बन चुके नए वोटों को भी शामिल किया जा रहा है, ताकि इनका वोट भी परिवार के साथ ही हो।
मिलान की स्थिति : करनाल का प्रतिशत कम, इंद्री में सर्वाधिक
विधानसभा क्षेत्र कुल मतदाता मैप हुए प्रतिशत
नीलोखेड़ी 236055 134587 57.02
इंद्री 222413 129071 58.03
करनाल 278800 53421 19.16
घरौंडा 248290 117059 47.15
असंध 246262 105930 43.02
कुल 1231820 540068 43.84
सत्यापन में पता चलेगा कौन मतदाता अब नहीं है यहां
एसआईआर मार्च में शुरू होने की संभावना है। तैयारियां चल रही हैं। वर्ष 2002 और 2024 की मतदाता सूची का मिलान किया जा रहा है। अब तक 43.84 प्रतिशत मतदाताओं के रिकाॅर्ड का मिलान किया जा चुका है। इसके बाद भौतिक सत्यापन होगा। इसी प्रक्रिया के दौरान ही पता चल जाएगा कि कौन से मतदाता यहां से शिफ्ट हो गए हैं, मृत्यु हो गई है। इसी माह में मैपिंग का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।



