
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इन दिनों एक्शन मोड में हैं। राज्य में बोर्ड की परीक्षाओं के पेपर आउट मामले में दो दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित करने के बाद मुख्यमंत्री ने शाहबाद के सरपंचों की शिकायत पर कड़ा संज्ञान लिया है।
मुख्यमंत्री ने शाहबाद के बीडीपीओ नरेंद्र ढुल को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल ने तुरंत ढुल के निलंबन आदेश जारी कर दिए हैं।
सरपंचों का किया जाए सम्मान
बीडीपीओ को निलंबित कर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों की चूड़ी टाइट करने के अपने पुराने वादे को तो पूरा किया ही, साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं व सरपंचों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनके मान सम्मान का ख्याल नहीं रखने वाले अधिकारियों की चूड़ी ऐसे ही भविष्य में भी टाइट की जाती रहेगी।
शाहबाद के गांव यारा की महिला सरपंच के साथ अभद्र व्यवहार करने के मामले में नरेंद्र ढुल को निलंबित किया गया है। हलके के और भी कई सरपंचों ने बीडीपीओ की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। मंगलवार को सरपंचों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की थी।
इस दौरान उन्होंने बीडीपीओ की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। बीडीपीओ नरेंद्र ढुल द्वारा महिला सरपंच के साथ अभद्र व्यवहार करने के मामले से भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया।मुख्यमंत्री ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तुरंत ही विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल को कार्रवाई करने को कहा। अमित अग्रवाल के आदेशों के बाद विभाग ने नरेंद्र ढुल को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान नरेंद्र ढुल को मुख्यालय में रिपोर्ट करनी होगी।
पेपर लीक मामले में निलंबन
इससे पहले एक मार्च को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नूंह और पलवल जिलों के चार डीएसपी और तीन एचएचओ समेत 25 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। इन पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी का सही ढंग से निर्वाह नहीं किया तथा उनके कार्यक्षेत्र में 12वीं की बोर्ड की परीक्षाओं का पेपर आउट हुआ।