
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा कि ऐसा लगता है कि बार-बार ऐसे मुद्दे उठाते हुए पहले दिए गए सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में मैच फिक्सिंग का दावा किया, जिस पर चुनाव आयोग की शनिवार (07 जून, 2025) को प्रतिक्रिया आई है. चुनाव आयोग का कहना है कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची के खिलाफ लगाए गए निराधार आरोप कानून के शासन का अपमान है.
इलेक्शन कमीशन ने कहा, “चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को ही कांग्रेस को दिए गए अपने जवाब में ये सभी तथ्य सामने रखे थे, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. ऐसा लगता है कि बार-बार ऐसे मुद्दे उठाते हुए इन सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है.”
‘चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना बेतुका’
चुनाव आयोग ने आगे कहा, “किसी की ओर से फैलाई जा रही कोई भी गलत सूचना न केवल कानून के प्रति अनादर का संकेत है, बल्कि अपने ही राजनीतिक दल की ओर से नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों को बदनाम करती है और लाखों चुनाव कर्मचारियों को हतोत्साहित करती है, जो चुनावों के दौरान अथक और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं. मतदाताओं की ओर से किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद, यह कहकर चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से बेतुका है.”
राहुल गांधी ने क्या लगाया था आरोप?
दरअसल, राहुल गांधी ने एक आर्टिकल लिखा जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत को एक मैच फिक्सिंग बताया. इसी आर्टिकल की फोटो पोस्ट करते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा, “चुनाव को कैसे चुराया जाए? 2024 में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था. मेरा आर्टिकल चरण दर चरण बताता है कि यह कैसे हुआ: चरण 1: चुनाव आयोग की नियुक्ति के लिए पैनल में हेराफेरी करें, चरण 2: मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं को जोड़ें, चरण 3: मतदान प्रतिशत बढ़ाएं, चरण 4: फर्जी मतदान को ठीक उसी जगह टारगेट करें जहां बीजेपी को जीतना है, चरण 5: सबूत छिपाएं.”
उन्होंने आगे कहा, “यह समझना मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में बीजेपी इतनी हताश क्यों थी. लेकिन धांधली मैच फिक्सिंग की तरह है – जो पक्ष धोखाधड़ी करता है वह खेल तो जीत सकता है, लेकिन संस्थाओं को नुकसान पहुंचाता है और परिणाम में जनता का विश्वास खत्म कर देता है. सभी चिंतित भारतीयों को सबूत देखना चाहिए. खुद ही फैसला करना चाहिए. जवाब मांगना चाहिए. क्योंकि महाराष्ट्र की मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी होगी और फिर हर उस जगह जहां बीजेपी हार रही होगी. मैच फिक्सिंग वाले चुनाव किसी भी लोकतंत्र के लिए जहर हैं.”