
यूपी के मथुरा सहित प्रदेशभर में भले ही जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई गई हो, लेकिन अयोध्या स्थित रामलला के दरबार में जन्माष्टमी का पर्व 17 अगस्त को मनाया जाएगा। यह दुर्लभ अवसर होगा, जब राम और कृष्ण के अवतारों का संगम अयोध्या में होगा। राम जन्मभूमि मंदिर रविवार को अद्भुत संयोग का साक्षी बनेगा।
यहां श्रीकृष्ण जन्मोत्सव रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाएगा, जो परंपरागत रूप से भगवान कृष्ण के प्रकट होने का शुभ क्षण माना जाता है। रामलला के दरबार में वंशीधर की गूंज सुनाई देगी। राम और कृष्ण दोनों अवतारों का यह संगम मंदिर परिसर में अद्भुत आध्यात्मिक वातावरण रचेगा। भक्तजन मानते हैं कि यह दुर्लभ अवसर उनके जीवन को विशेष आशीर्वाद से भर देगा।
राम जन्मभूमि परिसर में धूमधाम से भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी मनाई जाएगी। आरती के बाद भगवान के सामने संगीत का कार्यक्रम रखा गया है। इसके साथ ही बधाई गायन और भजन की प्रस्तुति देर रात 12 बजे तक की जाएगी। इस दौरान विशिष्ट और वरिष्ठ संत महंतों को राम मंदिर परिसर में आमंत्रित किया गया है, जहां पर भगवान की आरती के बाद प्रसाद भी वितरित किया जाएगा।
भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धनिया की पंजीरी का विशेष भोग प्रसाद अगले दिन सुबह रामभक्तों में वितरित किया जाएगा। कृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में रामलला का भव्य दरबार सजा है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि शाम को आरती के बाद भगवान के समक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में भगवान के भजन और बधाई गीत प्रस्तुत किए जाएंगे। रात 12 बजे तक स्थानीय कलाकार भगवान रामलला के सामने अपनी प्रस्तुति देंगे।
इस दौरान विशेष अतिथियों को भी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव में आमंत्रित किया गया है। कृष्ण जन्म के पश्चात प्रसाद का वितरण किया जाएगा, जो अगले दिन राम भक्तों में बांटा जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर खास प्रसाद के रूप में धनिया की पंजीरी भी बनवाई गई है, जो अगले दिन सुबह रामभक्तों में वितरित की जाएगी।
रामलला के दरबार को फूलों से विशेष रूप से सजाया गया है। जन्म के समय दोनों मंदिरों रामलला और राजा राम के दरबार में विशेष आरती की जाएगी। यह पर्व श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए अत्यंत उल्लासपूर्ण अवसर होगा।