राजस्थान में इस साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों का पुनर्गठन होना है. भजनलाल सरकार ने पिछली कैबिनेट बैठक में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. राजस्थान की पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन की कवायद अब तेज हो गई है. बीते दिनों भजनलाल कैबिनेट ने पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. अब पुनर्गठन की प्रक्रिया 20 जनवरी से शुरू होगी. इसमें आबादी और क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से मौजूदा संस्थाओं में बदलाव होंगे. नई पंचायतों एवं पंचायत समितियों का सृजन भी होगा. ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज विभाग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. शासन सचिव एवं आयुक्त डॉ. जोगाराम के अनुसार 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन के मानदंड तय किए हैं.
पूरा राजस्व ग्राम एक ही पंचायत में रहेगा
किसी ग्राम के निवासियों की मांग और प्रशासनिक दृष्टि से मौजूदा से दूसरी पंचायत में शामिल किया जा सकेगा, लेकिन दूरी पंचायत मुख्यालय से 6 किमी से ज्यादा नहीं होगी. किसी भी राजस्व ग्राम को विभाजित कर दो ग्राम पंचायतों में नहीं रखा जाएगा. सपूर्ण राजस्व ग्राम एक ही पंचायत में रहेगा. इसी तरह नवसृजित या पुनर्गठित पंचायत एक ही विधानसभा क्षेत्र में होगी.
पंचायत समितियों के लिए मानदंड़
पंचायत समितियों में 40 या इससे ज्यादा ग्राम पंचायतें या 2 लाख या इससे अधिक आबादी होने पर पुनर्गठन के दायरे में आएंगे. नवसृजन में न्यूनतम 25 ग्राम पंचायतें शामिल होंगी. अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों, सहरिया क्षेत्र(किशनगंज एवं शाहबाद) एवं चार मरूस्थलीय जिलों (बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर एवं जोधपुर) के लिए 40 एवं उससे अधिक ग्राम पंचायतों की संख्या तथा डेढ़ लाख या उससे अधिक आबादी वाली पंचायत समितियों का पुनर्गठन किया जाएगा, लेकिन पुनर्गठित पंचायत समिति में न्यूनतम 20 ग्राम पंचायतें रखी जाएगी.
ऐसा भी हो सकता है
यदि किसी पंचायत समिति में 42 ग्राम पंचायतें हैं तो पुनर्गठन में 25 एक में शामिल होने पर बची 17 ग्राम पंचायतों के साथ करीबी दूसरी पंचायत समिति की आठ पंचायतें जोड़ी जा सकेंगी. यह संभव नहीं होने पर नवसृजित पंचायत समिति में 25 से कम ग्राम पंचायतें भी रखी जा सकती है. जन सुविधा और प्रशासनिक दृष्टि से नवसृजित या पुनर्गठित पंचायत समिति में नजदीकी पंचायतों को समिलित किया जा सकेगा, लेकिन एक ग्राम पंचायत विभाजित कर दो पंचायत समितियों में नहीं रखा जाएगा.