
दिल्ली जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने ओखला में एशिया के सबसे बड़े वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया, जो हर दिन 564 मिलियन लीटर गंदा पानी साफ कर सकता है.
दिल्ली में यमुना नदी न सिर्फ भूगौलिक बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम मानी जाती है. हर चुनावी घोषणा पत्र में यमुना की सफाई को प्रमुख मुद्दा बनाया जाता है. इसी क्रम में अब राजधानी दिल्ली में यमुना की सफाई और नालियों को सीवर मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है.
प्रवेश वर्मा ने किया WWTP का निरीक्षण
बुधवार (9 अप्रैल) को दिल्ली सरकार के लोक निर्माण और जल मंत्री प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) ने ओखला स्थित एशिया के सबसे बड़े सिंगल स्टेज वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WWTP) का निरीक्षण किया. यह अत्याधुनिक संयंत्र प्रतिदिन 564 मिलियन लीटर गंदे पानी को साफ करने की क्षमता रखता है.
मंत्री ने जानकारी दी कि इस प्लांट में ASP प्रक्रिया, UV सिस्टम और टर्शियरी डिस्क फिल्टर जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया है, जो पानी को साफ, पॉलिश और कीटाणुरहित बनाती हैं. यह प्लांट पूरी तरह से ऑटोमैटिक है और SCADA सिस्टम के माध्यम से दूर से भी मॉनिटर किया जा सकता है.
40 लाख लोगों को मिलेगा लाभ- मंत्री प्रवेश
मंत्री के अनुसार, इस संयंत्र से भविष्य में पुरानी दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली, NDMC और दक्षिणी दिल्ली के करीब 40 लाख लोगों को लाभ मिलेगा. फिलहाल ट्रीट किया गया पानी पुरानी आगरा नहर में छोड़ा जा रहा है, लेकिन जल्द ही इसे अबुल फजल ड्रेन के माध्यम से यमुना नदी में डाला जाएगा. जून 2024 से इस संयंत्र से प्रतिदिन 40 MLD साफ पानी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बागवानी के उपयोग के लिए भेजा जा रहा है.
क्या है प्लांट की खासियत?
प्लांट की एक और बड़ी विशेषता यह है कि यहां उत्पन्न स्लज से 4.8 मेगावाट हरित ऊर्जा तैयार की जा सकती है, जो संयंत्र की कुल बिजली ज़रूरत का लगभग 50% हिस्सा पूरा करेगी. इसके अलावा यहां बनने वाली स्लज गंधहीन और रोगाणु मुक्त होती है, जिसे जैविक खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है. यह भारत का पहला संयंत्र है जो Class-A स्लज तैयार करता है.
निरीक्षण के बाद मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली को सीवर मुक्त और यमुना को स्वच्छ बनाया जाए. यह प्लांट उस दिशा में एक मजबूत और आवश्यक कदम है.”