यमुना का इतना भयानक रूप, 47 साल पुराना टूटेगा रिकॉर्ड

आगरा के बाह में यमुना का राैद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। 60 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। हजारों लोग घर छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर जा चुके हैं। बाढ़ के चलते बटेश्वर के ब्रह्मलाल महाराज जल समाधि में हैं। मंदिर में गले की ऊंचाई तक पानी भरा है। 


बाह के उटंगन नदी बाह के रीठई गांव पर यमुना में मिलती है। धौलपुर के पार्वती (आंगई) बांध के पानी की वजह से उटंगन नदी का बहाव तेज है। उटंगन के पानी के कारण बटेश्वर में बाढ़ का 47 साल पुराना रिकॉर्ड टूटने का खतरा पैदा हो गया है।

शिव मंदिर शृंखला के घाट पर यमुना की बाढ़ का तेजी से बढ़ रहा स्तर खतरे की आहट दे रहा है। मंदिर के पुजारी जय प्रकाश गोस्वामी, राकेश वाजपेयी ने बताया कि भले ही आगरा और मथुरा में नदी का जलस्तर स्थिर हो। पर, बटेश्वर में बुधवार को भी तेजी से पानी बढ़ा है। बटेश्वर के चरन सिंह यादव, रामसिंह आजाद, डॉ. शिव सिंह वर्मा, जसवंत सिंह यादव, पुत्तूलाल आदि ने बताया कि बटेश्वर में बाढ़ का स्तर हर रोज बढ़ रहा है। बुधवार को भी कई बस्तियों और घरों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया। तेज बहाव डराने वाला है।

बाढ़ का स्तर इसी तरह बढ़ा तो 1978 का रिकॉर्ड टूट सकता है। पुराने स्तर पर बाढ़ के पहुंचने के अंदेशे से गांव के लोग घबराए हुए हैं। उन्होंने बताया कि घाटों पर 6 फीट की ऊंचाई तक पानी भरा है। 1978 में मंदिर के शिखर डूबने से बचे थे। तीर्थ ही नहीं बटेश्वर से जुड़ने वाले बुढैरा, भौर, स्याइच, कलींजर, मोरहारी, शौरीपुर, टोका, कल्यानपुर, भरतार गांव बाढ़ से घिरे हैं।

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