उत्तर भारतीय विकास सेना के नेता सुनील शुक्ला पश्चिम बांद्रा निर्वाचन क्षेत्र से लॉरेंस बिश्नोई की तरफ से नामांकन दाखिल करना चाहते हैं। पार्टी ने यह भी दावा किया कि अगर लॉरेंस बिश्नोई ने मंजूरी दे दी तो वह जल्द ही 50 उम्मीदवारों की सूची जारी कर देंगे।
महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाला है। इस चुनाव से पहले एक बार फिर जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर चर्चा तेज हो गई। दरअसल, चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत एक राजनीतिक दल उत्तर भारतीय विकास सेना ने लॉरेंस बिश्नोई की ओर से नामांकन दाखिल करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी से एबी फॉर्म की मांग की। बता दें कि एबी फॉर्म नामांकन दाखिल करने के लिए एक आवश्यक और औपचारिक दस्तावेज है। उत्तर भारतीय विकास सेना के नेता सुनील शुक्ला पश्चिम बांद्रा निर्वाचन क्षेत्र से लॉरेंस बिश्नोई की तरफ से नामांकन दाखिल करना चाहते हैं। यह निर्वाचन क्षेत्र राकांपा के दिवंगत नेता बाबा सिद्दीकी का था।
लॉरेंस बिश्नोई के लिए नामांकन पत्र की मांग
रिटर्निंग अधिकारी को लिखी चिट्ठी में सुनील शुक्ला ने दावा किया कि वे फॉर्म पर लॉरेंस बिश्नोई का हस्ताक्षर ले लेंगे। यह बिश्नोई की उम्मीदवारी को मान्य के लिए एक आवश्यक कदम है। यह बात लॉरेंस बिश्नोई को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी टिकट देने की पेशकश के बाद कुछ दिन बाद की गई है। चिट्ठी में पार्टी ने यह भी दावा किया कि अगर लॉरेंस बिश्नोई ने मंजूरी दे दी तो वह जल्द ही 50 उम्मीदवारों की सूची जारी कर देंगे।
लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल गुजरात के साबरमती जेल में बंद है। हाल ही में राकांपा नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या और बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को धमकी देने के मामले में उसका नाम चर्चा में आया था। पश्चिमी बांद्रा निर्वाचन क्षेत्र का उल्लेखनीय राजनीतिक महत्व है। दरअसल, यह बाबा सिद्दीकी का निर्वाचन क्षेत्र था। उत्तर भारतीय विकास सेना के नेता सुनील शुक्ला पहले खार पुलिस स्टेशन गए और फिर बलकरण बराड के नाम से नामांकन पत्र लेने के लिए रिटर्निंग अधिकारी के पास पहुंचे। दरअसल, लॉरेंस बिश्नोई का असली नाम बलकरण बराड है।
एक ही चरण में होगा चुनाव
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे, जबकि विधानसभा चुनाव के मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। बता दें कि 2019 के विधानभा चुनावों में 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सबसे ज्यादा 105 सीटें मिली थीं। वहीं, भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना को 56 सीटें आई थीं। दूसरी ओर एनसीपी को 54 सीटें जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।