
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो व एसआईटी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ जांच को आगे बढ़ा दिया है। विजिलेंस की टीम सोमवार को मजीठिया को लेकर हिमाचल प्रदेश के मशोबरा एरिया और बद्दी लेकर पहुंची। टीम ने मजीठिया से केस से संबंधित निशानदही करवाई है। एजेंसियों की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि मजीठिया की तरफ से जांच में सहयोग न मिलने के कारण रुकावट आ रही है।
अब तक इस केस में पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, ईडी के पूर्व उप निदेशक निरंजन सिंह, पूर्व विधायक बोनी अजनाला और मजीठिया के पूर्व पीए तलबीर सिंह गिल के बयान दर्ज करने के बाद यह कार्रवाई की गई है। विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को 540 करोड़ रुपये के लेन देने के आरोप के साथ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था। इस दौरान मजीठिया के घर से रेड के दौरान 30 से अधिक मोबाइल, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, कई डायरियां और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे।
विजिलेंस का आरोप है कि मजीठिया के कंट्रोल वाली कंपनियों के खतों में 161 करोड़ रुपये नकद जमा किए गए। साथ ही संदिग्ध विदेशी संस्थाओं द्वारा 141 करोड़ का लेन देन के भी आरोप है, जिसकी जांच आगे बढ़ाई गई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार विजिलेंस की टीम मजीठिया को हिमाचल जांच के लिए लेकर गई है, ताकि संपत्तियों की निशानदही करवाई जा सके।
मामले में शामिल अन्य आरोपियों एक-एक कर के विजिलेंस पूछताछ के लिए बुला रही है। एक दिन पहले रविवार को बौनी अजनाला और मजीठिया के पूर्व पीए तलबीर सिंह गिल ने अपने बयान दर्ज करवाए थे। सोमवार को अकाली नेता मनिंदर सिंह बिट्टू औलख और जगजीत सिंह चहल ने बयान दर्ज करवाए। बिक्रम मजीठिया सात दिन के रिमांड पर है। दो जुलाई को रिमांड खत्म होने के बाद बुधवार को विजिलेंस ब्यूरो उन्हें अदालत में पेश करेगी।