राजस्थान के कोटा में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा से कथित तौर पर छेड़छाड़ कर उस पर अर्धचंद्र और काला तारा अंकित करने तथा उसे लहराने के मामले में पुलिस ने तीन लड़कों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि इस आपत्तिजनक ध्वज को मिलाद-उन-नबी जुलूस से पहले लहराया गया था।
इस घटना का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। अनंतपुरा थाने के क्षेत्र निरीक्षक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि वीडियो देखने के बाद पुलिस ने छेड़छाड़ किए गए ध्वज को बरामद कर लड़कों को हिरासत में ले लिया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि लड़के मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान फहराने के लिए झंडा तैयार कर रहे थे और उन्होंने गुप्त रूप से झंडे के दोनों ओर अर्धचंद्र तथा काले तारे बना दिए।
इस बीच स्थानीय हिंदू संगठनों ने राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर विरोध जताया और अनंतपुरा थाने क्षेत्र निरीक्षक को एक ज्ञापन सौंपकर इस मामले में गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग की। हिंदू संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें नाबालिगों को छेड़छाड़ युक्त ध्वज सौंपा गया था।
बजरंग दल, कोटा के प्रांतीय संयोजक योगेन्द्र रेनवाल ने कहा कि जुलूस के आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। इस बीच, बारां शहर में थोड़ी देर के लिए स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब जुलूस में शामिल लोगों के एक समूह ने शहर के प्रताप सिहौक में एक अनिर्धारित मार्ग से जुलिस निकालने का प्रयास किया। बारां के पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी ने मीडिया को यह जानकारी दी। चौधरी ने कहा कि पुलिस ने लोगों को बाद में निर्धारित मार्ग से जुलूस निकालने के लिए मना लिया।