
पुणे के वेल्हे तालुका का नाम बदलकर ‘राजगड’ करने पर मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि ऐतिहासिक विरासत से जुड़े निर्णय पर महाराष्ट्र के साढ़े 14 करोड़ लोगों को गर्व है महाराष्ट्र सरकार ने पुणे जिले के वेल्हे तालुके का नाम आधिकारिक रूप से बदलकर ‘राजगड’ कर दिया है. यह निर्णय ऐतिहासिक राजगड किले के सम्मान में लिया गया है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज की पहली राजधानी रहा था. यह घोषणा राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule) ने की. उन्होंने बताया कि यह स्थानीय नागरिकों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी और इस क्षेत्र के समृद्ध ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है.
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, “मैं स्वयं को छत्रपति शिवाजी महाराज का मावला (सैनिक) मानता हूं और राजस्व मंत्री के रूप में यह निर्णय लेना मेरे लिए गर्व का क्षण है. छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसी किले से शासन किया था. हमारी ऐतिहासिक विरासत से जुड़े इस निर्णय पर महाराष्ट्र के साढ़े 14 करोड़ लोगों को गर्व है. इसके लिए मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विशेष आभार व्यक्त करता हूं.”
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम और पुणे जिला पालक मंत्री अजित पवार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह निर्णय महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता 1966 के प्रावधानों के तहत लिया गया है. स्थानीय लोग लंबे वक्त से वेल्हे तालुका का नाम बदलने की मांग कर रहे थे. केंद्र से मंजूरी के बाद अब राज्य सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को सम्मान देते हुए इसका नाम बदल दिया.
गृह मंत्रालय से कब मिली नाम बदलने को मंजूरी?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 6 मई 2025 को नाम परिवर्तन को मंजूरी दी थी. इससे पहले वेल्हे तालुके की 70 में से 58 ग्राम पंचायतों और पुणे जिला परिषद ने 22 नवंबर 2021 को प्रस्ताव पारित किए थे. 16 मार्च 2024 को जारी सरकारी अधिसूचना पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई, जिसके बाद महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता 1966 के अंतर्गत यह अंतिम निर्णय लागू किया गया.