
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने भारत के आक्रमण से डरकर अपने मित्र देश तुर्किए से मदद मांगी है. तुर्की ने पाकिस्तान को गोला-बारूद और फ्यूल भेजा है. पहलगाम नरसंहार के बाद भारत के आक्रमण से डर कर पाकिस्तान ने मित्र-देश तुर्किए से मदद मांगी है. ओपनसोर्स इंटेलिजेंस के मुताबिक, तुर्किए का एक सी-130 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पाकिस्तान पहुंचा है. माना जा रहा है कि इस विमान में तुर्किए ने पाकिस्तान के लिए गोला-बारूद भेजा है क्योंकि पाकिस्तानी सेना में गोला-बारूद और फ्यूल की भारी किल्लत है. ऐसे में पाकिस्तानी सेना एक लंबा युद्ध लड़ने में असक्षम है.पहलगाम नरसंहार के बाद भारत के आक्रमण से डर कर पाकिस्तान ने मित्र-देश तुर्किए से मदद मांगी है. ओपनसोर्स इंटेलिजेंस के मुताबिक, तुर्किए का एक सी-130 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पाकिस्तान पहुंचा है. माना जा रहा है कि इस विमान में तुर्किए ने पाकिस्तान के लिए गोला-बारूद भेजा है क्योंकि पाकिस्तानी सेना में गोला-बारूद और फ्यूल की भारी किल्लत है. ऐसे में पाकिस्तानी सेना एक लंबा युद्ध लड़ने में असक्षम है.
चीन ने की पहलगाम हमले की जल्द जांच कराने की अपील
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चीन ने अपने मित्र देश पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा करने में उसके प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की जल्द और निष्पक्ष जांच किए जाने की अपील की है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार के साथ रविवार को टेलीफोन पर बातचीत की. उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि डार ने वांग (जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य भी हैं) को ‘‘कश्मीर क्षेत्र में आतंकवादी हमले के बाद’’ पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़े तनाव के बारे में जानकारी दी. वांग ने कहा कि चीन इस घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद से मुकाबला करना पूरी दुनिया की साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के प्रयासों के प्रति चीन के निरंतर समर्थन की पुष्टि की. वांग के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘एक मजबूत मित्र एवं सदाबहार रणनीतिक सहयोगी के रूप में चीन सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान की जायज चिंताओं को पूरी तरह समझता है और पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा करने में उसका समर्थन करता है.”