पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं. इस सीटों का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक अब सांसद बन चुके हैं, ऐसे में यहां चुनाव कराना जरूरी है.
शिरोमणि अकाली दल पंजाब में विधानसभा के उपचुनाव नहीं लड़ेगी. गुरुवार (24 अक्टूबर) को पार्टी की बैठक में ये फैसला लिया गया. राज्य की चार सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं. पार्टी नेताओं का कहना है कि श्री अकाल तख्त साहिब ने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को तनखाहिया घोषित कर रखा है और वे अभी राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकते. अकाल तख्त साहिब का हुक्म सिर्फ पार्टी अध्यक्ष के लिए नहीं बल्कि पार्टी के लिए भी है. इसलिए उपचुनाव में पार्टी हिस्सा नहीं लेगी.
क्या होती है तनखाहिया की सजा?
इस सजा के बाद व्यक्ति किसी तख्त नहीं जा सकता और न ही प्रार्थना कर सकता है. ये सजा सिख समाज में ऐसे व्यक्ति को दी जाती है जिसने धार्मिक नियमों की अनदेखी की हो. इस सजा का सख्ती से पालन करना होता है.
पंजाब की इस सीटों पर होने हैं उपचुनाव
पंजाब की गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और बरनाला विधानसभा सीट पर उपचुनाव हैं. चार विधानसभा सीट पर उपचुनाव की जरूरत इन सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने की वजह से पड़ी है.
किन-किन नेताओं के चुनाव से खाली हुई सीटें?
कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के लुधियाना से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद गिद्दड़बाहा सीट खाली हो गई थी. संगरूर लोकसभा सीट से आप के गुरमीत सिंह हेयर के जीतने के बाद बरनाला सीट खाली हो गई थी. उन्होंने 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में बरनाला सीट जीती थी.
डेरा बाबा नानक सीट गुरदासपुर से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद कांग्रेस के सुखजिंदर सिंह रंधावा ने खाली की थी. कांग्रेस विधायक रहे और आप में शामिल हुए राज कुमार चब्बेवाल के होशियारपुर से लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण चब्बेवाल सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी.
25 अक्टूबर- नामांकन की आखिरी तारीख
इन चारों विधानसभा क्षेत्रों में मतदान 13 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है और नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर को होगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है.