
पंजाब में खनन को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच राज्य सरकार ने बॉर्डर एरिया में पिछले ढाई साल की एक्शन रिपोर्ट पेश की है। बॉर्डर एरिया में अवैध खनन पर दबिश देते हुए 90 एफआईआर दर्ज की गईं। 430 वाहनों को जब्त किया गया और 5.88 करोड़ रुपये हर्जाना भी ठोका गया।
क्रशर पॉलिसी 2023 की पालना न करने के चलते 9 क्रशर यूनिट्स का पंजीकरण रद्द भी किया गया है। प्रदेश में बाढ़ प्रभावित एरिया का दौरा करने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में अवैध खनन को बाढ़ का कारण बताया था। अब पंजाब सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में बॉर्डर एरिया में की गई कार्रवाई को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है जिसमें इसका खुलासा हुआ है।
बाढ़ ने सबसे अधिक तबाही गुरदासपुर और पठानकोट में मचाई है। बाढ़ के कारण गुरदासपुर में कृषि क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है, वहीं पठानकोट में जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। इन जिलों में अब तक सरकार की तरफ से अवैध खनन को लेकर सख्त कार्रवाई की गई है। बाढ़ के कारण गुरदासपुर में 329 गांव प्रभावित हुए हैं और 2 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 40,169 हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब गई है। इसी तरह पठानकोट में 88 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और छह लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा 15,503 लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं।
विभाग ने 405 चालान भी किए
राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में 1 जनवरी 2023 से अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी दी है। इस दौरान विभाग ने 405 चालान भी किए हैं और साथ ही टिप्पर, जेसीबी और खनन में शामिल अन्य मशीनों को जब्त भी किया गया है। विभाग के अनुसार खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम के तहत खनिजों के अवैध खनन के किसी भी मामले से तुरंत निपटा जा रहा है। पठानकोट में सबसे अधिक 158 एफआईआर पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर 2 में दर्ज की गई हैं। इसी तरह सुजानपुर स्टेशन में 111 एफआईआर दर्ज की गईं। गुरदासपुर की बात करें तो डेरा बाबा नानक में सबसे अधिक 158 एफआईआर और श्री हरगोबिंदपुर में 92 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
क्या बोले थे केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद कहा था कि राज्य के दरिया पर बने बांध अवैध खनन से कमजोर हो गए हैं। इसी वजह से बाढ़ का पानी गांवों तक पहुंचा है। इन बांधों को मजबूत करना जरूरी है। पंजाब सरकार ने इस पर एतराज जताया था और हिमाचल प्रदेश में अत्यधिक बारिश को बाढ़ का कारण बताया था।