पंजाब: कनाडा की पीआर में 25 फीसदी कटौती से 70 हजार विदेशी छात्रों को झटका

पंजाब से बड़ी संख्या में छात्र बेहतर भविष्य के लिए कनाडा जाते हैं। पढ़ाई के बाद बच्चे वहीं नौकरी करने लगते हैं। ऐसे में कनाडा फेडरल इमिग्रेशन पॉलिसी में सख्ती का सबसे ज्यादा असर पंजाबियों पर होगा।

कनाडा में हाल ही में हुए फेडरल इमिग्रेशन पॉलिसी में सख्ती के कारण 70,000 से अधिक विदेशी छात्रों पर वतन वापसी की तलवार लटकने लगी है। इनमें अधिकतर पंजाबी मूल के छात्र हैं, जो एक नए जीवन की उम्मीद में कनाडा गए थे।

अब जस्टिन ट्रूडो सरकार के एजुकेशन परमिट को सीमित करने और स्थायी निवास के नामांकन को कम कर रही है। दो दिन पहले कनाडा के हेलीफैक्स में भी पीएम और कनाडा मंत्री ने साफ कहा कि सर्दी के मौसम में काफी चौंकाने वाले कदम उठाए जा सकते हैं।

कई छात्र असुरक्षित
कई ग्रेजुएट का इसी साल वर्क परमिट खत्म होने जा रहा और वर्ष के अंत में इमिग्रेशन का सामना कर सकते हैं। स्थिति विशेष रूप से गंभीर हो गई है क्योंकि नई प्रांतीय नीतियों ने स्थायी निवास नामांकन में 25 फीसदी की कटौती की है, जिससे कई छात्र अप्रत्याशित रूप से असुरक्षित हो गए हैं।

दरअसल, 2023 में अंतरराष्ट्रीय छात्रों में एजुकेशन वीजा पाने वाले करीब 37 फीसदी छात्रों ने कनाडा के आवास, स्वास्थ्य सेवा और अन्य सेवाओं पर खूब दबाव डाला। इसके जवाब में कनाडा सरकार ने अगले दो वर्षों में इस वृद्धि के बोझ से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट आवेदनों पर एक सीमा तय कर दी।

कनाडा की सरकारी एजेंसी इमिग्रेशन रिफ्यूजीज एंड सिटीजनशिप के अनुसार यह सीमा 2024 में लगभग 3,60,000 परमिट के आसपास रहने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष से 35 फीसदी कम है। कनाडा में आगामी दिन पंजाबी मूल के युवाओं के लिए काफी परेशानी भरे होने जा रहे हैं।

अप्रवासियों और युवा लोगों में बढ़ी बेरोजगारी
हाल ही में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने घोषणा की कि संघीय सरकार कनाडा में अस्थायी विदेशी श्रमिकों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि के बाद कमी करेगी। क्योंकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अप्रवासियों और युवा लोगों में बेरोजगारी बढ़ी है।

ट्रूडो ने यह भी कहा कि सरकार कनाडा में हर साल स्वीकार किए जाने वाले स्थायी निवासियों की संख्या में कटौती करने पर विचार कर रही है – लिबरल सरकार के कार्यकाल में वर्षों से बढ़ते आव्रजन स्तर के बाद यह संभावित रूप से एक बड़ा नीतिगत बदलाव है। अप्रवासी बेरोजगारी दर अब 11.6 प्रतिशत है जो जून में दर्ज की गई 6.4 प्रतिशत की समग्र बेरोजगारी दर से काफी अधिक है। 15 से 24 वर्ष की आयु के लोगों में बेरोजगारी दर 13.5 प्रतिशत है।

ट्रूडो ने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे वह “अत्यंत गंभीरता से” लेते हैं तथा कहा कि इस विषय पर इस सप्ताह कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी।

भारी संख्या में युवाओं पर होगा असर..
स्टडी वीजा एक्सपर्ट सुकांत का कहना है कि कनाडा में दिन प्रतिदिन सख्ती हो रही है, जिसका सीधा असर पंजाब पर हो रहा है। अब ट्रूडो सरकार पीआर व वर्क परमिट पर अंकुश लगा रही है। पंजाब से एक लाख से अधिक बच्चे डिप्लोमा करने के लिए कनाडा जाते हैं, जिनका मकसद पढ़ना नहीं पीआर लेना होता है। निश्चित तौर पर ऐसे बच्चे पीआर नहीं ले पाएंगे और कनाडा सरकार 25 फीसदी कटौती पीआर में करने जा रही है तो जो बच्चे वहां पर काम कर रहे हैं, उनको पीआर नहीं मिलेगी, जिसका असर तो हो रहा है। यह पंजाबी युवाओं के लिए झटका है।

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