
Gold Price: हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार 23 सितंबर 2025 को नवरात्रि का दूसरा दिन है और दोनों ही दिन सोने में तेज चमक देखी गई है. इसके रेट में करीब 100 रुपये तक का इजाफा हुआ है.
ट्रंप के एच-1बी वीजा फीस फरमान, वैश्विक उथल-पुथल और नई सियासी जुगलबंदी के बीच सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है. निवेशकों के लिए इसमें निवेश करना सबसे सुरक्षित विकल्प लग रहा है. हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार 23 सितंबर 2025 को नवरात्रि का दूसरा दिन है और दोनों ही दिन सोने में तेज चमक देखी गई है. इसके रेट में करीब 100 रुपये तक का इजाफा हुआ है.
देश में आज 24 कैरेट सोना 1,13,200 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है, जबकि चांदी की कीमत 1,38,100 रुपये प्रति किलो है. गौरतलब है कि 24 कैरेट सोना लोग निवेश के उद्देश्य से खरीदते हैं, जबकि 22 कैरेट और 18 कैरेट सोना ज्वैलरी बनाने के लिए खरीदा जाता है.
आपके शहर का ताजा भाव
आज देश के अलग-अलग शहरों में सोने की कीमतें इस प्रकार हैं: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, गुरुग्राम, लखनऊ और जयपुर में 24 कैरेट सोना 1,13,230 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,03,810 रुपये प्रति 10 ग्राम. मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता, बेंगलुरु, पटना, भुवनेश्वर और हैदराबाद में 24 कैरेट सोना 1,13,080 रुपये और 22 कैरेट सोना 1,03,660 रुपये प्रति 10 ग्राम.
एक दिन पहले दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना और चांदी दोनों का भाव रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया था. सोना 2,200 रुपये महंगा होकर प्रति 10 ग्राम 1,16,200 रुपये तक चढ़ गया था.
कैसे तय होता है रेट?
सोना और चांदी के दाम रोज़ाना आधार पर तय किए जाते हैं और इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं. इनमें मुख्यतः निम्नलिखित कारण शामिल हैं: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतें अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं. इसलिए डॉलर-रुपया विनिमय दर में बदलाव का सीधा असर इन धातुओं की कीमत पर पड़ता है. अगर डॉलर मजबूत होता है या रुपया कमजोर पड़ता है, तो भारत में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं. भारत में सोने का अधिकांश हिस्सा आयात किया जाता है. ऐसे में आयात शुल्क (Import Duty), जीएसटी और अन्य स्थानीय टैक्स सीधे तौर पर सोने की कीमत को प्रभावित करते हैं. वैश्विक बाजार में उथल-पुथल जैसे युद्ध, आर्थिक मंदी या ब्याज दरों में बदलाव का सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ता है. जब अनिश्चितता बढ़ती है, तो निवेशक शेयर या अन्य अस्थिर संपत्तियों की बजाय सोने जैसे सुरक्षित विकल्प चुनते हैं. भारत में सोना केवल निवेश का साधन ही नहीं, बल्कि परंपरा और संस्कृति से जुड़ा हुआ है. शादी-ब्याह, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. इसलिए मांग अधिक रहती है, जिससे कीमतें प्रभावित होती हैं.