धर्म बदलवाने पर मिलते थे 10 हजार! छांगुर बाबा का ‘कमिशन एजेंट’ निकला रशीद

उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण से जुड़ा मामला लगातार गहराता जा रहा है। अब यूपी एटीएस ने बलरामपुर के रहने वाले रशीद शाह को गिरफ्तार किया है, जो इस रैकेट में बिचौलिए की भूमिका निभा रहा था। रशीद पहले भी इसी तरह के मामले में आजमगढ़ से गिरफ्तार हो चुका है। कुछ महीने पहले ही वह जमानत पर छूटकर आया था और फिर छांगुर बाबा के नेटवर्क में दोबारा सक्रिय हो गया।

रशीद करता था लोगों को धर्मांतरण के लिए तैयार
रशीद शाह, बलरामपुर जिले के उतरौला के मधपुर गांव का रहने वाला है। वह समाज के गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को तलाश कर उन्हें धर्म बदलने के लिए तैयार करता था। हर व्यक्ति को धर्मांतरण के लिए लाने पर उसे ₹10,000 का कमीशन मिलता था। सूत्रों का कहना है कि बलरामपुर और आस-पास के जिलों में रशीद ने सिंडिकेट को फैलाने में अहम रोल निभाया। अब उससे पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि इस पूरे नेटवर्क में किसका राजनीतिक संरक्षण, कैसे पैसे का लेन-देन, और विदेशी संपर्क हैं।

ईडी ने सुबह-सुबह 12 ठिकानों पर मारा छापा
इसी मामले से जुड़ी जांच करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी गुरुवार सुबह बड़ा एक्शन लिया। सुबह लोगों की नींद खुलने से पहले ही, ईडी की 15 टीमों ने एक साथ बलरामपुर, उतरौला, मधपुर और अन्य गांवों के 12 ठिकानों को घेर लिया। छांगुर बाबा, उसके सहयोगी नीतू और उनके घरों व दुकानों की तलाशी ली गई। रेहरामाफी गांव में छांगुर के पैतृक घर की भी जांच हुई। मधपुर गांव में एक बंद कमरे का ताला तुड़वाकर उसकी भी तलाशी ली गई।

गांव के प्रधान और कारोबारियों पर भी छापे
ईडी की टीमों ने जिन पर शक था, उनके घरों पर भी छापेमारी की
हुसैनाबाद ग्रिंट के ग्राम प्रधान अफसर अली,
महमूदाबाद ग्रिंट के प्रधान इब्तिदा खान उर्फ लल्लू,
रफीनगर के तीन भाई — मलिक शमीम, मलिक वसीम और मलिक अली अहमद।
इनके घरों और दुकानों से खरीद-बिक्री से जुड़े रजिस्टर, बिल, और माल की जानकारी इकट्ठा की गई है।

विदेशों तक फैला छांगुर बाबा का नेटवर्क!
ईडी की जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा के पास लगभग 40 बैंक अकाउंट हैं, जिनमें से ₹100 करोड़ से ज्यादा के संदिग्ध ट्रांजैक्शन हुए हैं। जांच में शक है कि यह पैसा विदेशों से हवाला के जरिए भारत लाया गया। यह नेटवर्क UAE, सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों तक फैला हो सकता है। अब पता लगाया जा रहा है कि विदेश से कब, कितना पैसा और कहां भेजा गया।

अब आगे क्या होगा?
एटीएस जल्द ही रशीद को कस्टडी रिमांड में लेकर और पूछताछ करेगी। इसके जरिए फंडिंग, संपत्ति सौदे और धर्मांतरण कराने वाले दूसरे एजेंटों की जानकारी मिल सकती है। ईडी की कार्रवाई से पूरे सिंडिकेट का नेटवर्क धीरे-धीरे उजागर होता जा रहा है।

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