
दिल्ली सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर यमुना में नौकाविहार की योजना बनाई है। इसके लिए दिल्ली और केंद्र के बीच समझौता भी हुआ है। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने समझौते के बाद दावा किया कि आने वाला कल सुंदर होगा। लेकिन जल और पर्यावरण विशेषज्ञों को ऐसा नहीं लगता।
पानी और पर्यावरण के कुछ जानकारों का मानना है कि अगर यमुना में बोट टूरिज्म शुरू किया गया तो इससे नदी की हालत और खराब होगी। जानकारों ने यह आशंका पारंपरिक और वैज्ञानिक आधार पर व्यक्त की है।
मैग्सेसे पुरस्कार विजेता और जल पुरुष के रूप में देश-दुनिया में ख्यात राजेंद्र का कहना है कि यमुना नदी पर्यटन के लिए नहीं, तीर्थाटन के लिए है। पर्यटन सेवा शुरू करने से नदी की सेहत खराब होगी। अभी सरकार की जो योजना है, उसके हिसाब से विकसित होने वाली नागरिक सुविधाएं नदी के बाढ़ क्षेत्र को नुकसान पहुंचाएगी। वहीं, पर्यावरण के लिहाज से संवदेनशील जिस भी क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ी हैं, वहां प्रदूषण के नए स्रोत विकसित हुए हैं। इससे भी नदी की स्थिति खराब होगी। सरकार को इस दिशा में सोचना चाहिए।
वहीं, पर्यावरणविद और नदी विशेषज्ञ हिमांशु ठक्कर कहते हैं कि जहां फेरी सेवा शुरू हो रही है, वहीं से पीने का पानी लिफ्ट किया जाता है। इससे अगर सोनिया विहार से जगतपुर तक के बीच नदी का पानी खराब होता है तो हालात बेहद खराब होंगे। अभी तक इसका विस्तृत आकलन भी नहीं किया गया है कि इस सेवा से नदी पर क्या असर पड़ेगा। जलीय जीव जंतु समेत पूरे इको सिस्टम पर कितना प्रभावित होंगे। हालांकि, इतना तय है कि इससे सेवा से नदी की सेहत बिगड़ेगी ही। सवाल बस इसका है कि नुकसान कितना बड़ा होगा।
समझौते के साथी
केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की मौजूदगी में मंगलवार को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम के बीच समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किए गए।