
Delhi News: CM रेखा गुप्ता ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए बताया कि बीते 4 महीनों में राजधानी के व्यापारियों को 915 करोड़ रुपये का जीएसटी रिफंड जारी किया गया है.
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार (28 दिसंबर) को एक बार फिर साफ किया कि उनकी सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने कहा कि बीते चार महीनों में राजधानी के व्यापारियों को 915 करोड़ रुपये का जीएसटी रिफंड जारी किया गया है. सरकार का मकसद है कि कारोबारियों को अनावश्यक परेशानियों से राहत मिले और दिल्ली में व्यापार करना आसान हो.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता फ्रेंड्स कॉलोनी औद्योगिक क्षेत्र के शताब्दी समारोह में बोल रही थीं. उन्होंने बताया कि सरकार उद्यम विकास को रफ्तार देने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर लगातार काम कर रही है.
आने वाले समय में दिल्ली में तीन नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. उनके मुताबिक, मजबूत उद्योग ही मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव होता है.
10 महीनों में कई बड़े सुधार लागू
सीएम गुप्ता ने कहा कि महज 10 महीनों में औद्योगिक क्षेत्र के लिए कई अहम सुधार किए गए हैं. लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू किया गया है. इससे अब उद्योगों को मंजूरी लेने में कम समय लगेगा और काम तेजी से आगे बढ़ेगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली का पहला व्यापारी कल्याण बोर्ड गठित किया गया है. इसके जरिए व्यापारी और औद्योगिक संगठन अपनी समस्याएं और सुझाव सीधे सरकार तक पहुंचा सकेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों के साथ संवाद बढ़ाकर व्यावहारिक समाधान निकालने में विश्वास रखती है.
एमएसएमई को बिना गारंटी कर्ज की सुविधा
सरकार ने सूक्ष्म और लघु उद्यमों को राहत देते हुए 10 करोड़ रुपये तक के बिना गारंटी वाले ऋण की व्यवस्था की है. इसका उद्देश्य छोटे कारोबारियों को वित्तीय मजबूती देना है ताकि वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें.
मुख्यमंत्री ने बताया कि जीएसटी विभाग को फेसलेस सिस्टम अपनाने और रिफंड प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं. इसका नतीजा यह रहा कि चार महीनों में ही 915 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया जा सका.
इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा सहित कई विधायक और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.



