
हिमालय की गोद में बसे काठमांडू के मंदिरों और ट्रेकिंग रूट की चमक वहां चल रही अशांति के चलते फीकी पड़ गई है। विशेष रूप से पर्यटन व व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। इस सबके बीच सितंबर की छुट्टियों में काठमांडू जाने की योजना बना रहे दिल्लीवासियों के लिए यह आंदोलन किसी बुरे सपने से कम साबित नहीं हो रहा है।
इसके चलते दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा ठप हो गई है। वहीं, हवाई उड़ानें रद्द हैं। बुकिंग शून्य और सभी प्री-बुकिंग्स रद्द होने से पर्यटन उद्योग संकट में है। दिल्ली से नेपाल जाने वाले पर्यटकों ने यात्रा पूरी तरह बंद कर दी गई है। ट्रैवल एजेंट्स ने बताया कि नई बुकिंग शून्य हो चुकी है और जिन्होंने प्री बुकिंग करवाई थी उन सभी ने स्थिति को देखते हुए इसे रद्द कर दिया है। हालांकि, लोगों का नेपाल से दिल्ली आना लगा हुआ है। यह संकट पर्यटकों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे कारोबारी भी ग्रस्त है। दिल्ली के कई कारोबारियों का करोड़ों का सामान नेपाल के रास्ते में फंसा हुआ है, कुछ सामान नेपाल पहुंच गया है, जिसमें उनका पैसा लगा हुआ है और कुछ ऑर्डर यहां तैयार पड़े है। हालांकि, नेपाल के बिगड़ते हालात को देखते हुए व्यापारियों को काफी नुकसान पहुंचा है।
बोले व्यापारी
सदर बाजार बारी मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने बताया कि सदर बाजार सहित पुरानी दिल्ली से नेपाल में काफी मात्रा में सामान जाता है। उन्होंने बताया कि यह बाजार नेपाल सहित अन्य देशों में भी अपने उत्पादों का निर्यात करता है। उन्होंने बताया कि सदर बाजार में गृहस्थी की विभिन्न वस्तुओं की थोक बिक्री होती है। ऐसे में यहां से बर्तन, क्रॉकरी, आकर्षक ज्वैलरी, खिलौने, स्टेशनरी, टेलरिंग मैटेरियल, गारमेंट्स, क्रोकरी, शूज, चप्पल और अन्य उपहार की वस्तुएं काफी तादाद में नेपाल भेजी जाती हैं।