
यमुना का जलस्तर रविवार शाम 4 बजे 204.60 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी के स्तर 204.50 मीटर से ज्यादा है। ऐसे में दिल्ली में फिर से 2023 की बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। उस समय 45 साल का रिकॉर्ड टूटा था और यमुना का जलस्तर 208.48 मीटर तक पहुंच गया था। पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश के कारण ऐसी आशंका है कि सोमवार-मंगलवार को आधी रात से दिल्ली में यमुना उफान पर होगी। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कल हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट इस मौसम में पहली बार खोल दिए गए हैं।
रविवार शाम 4 बजे हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से एक साथ 1,78,996 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। करीब इसी अनुपात में निरंतर पानी आ रहा है जो रात करीब 2 बजे दिल्ली पहुंचेगा। इससे यमुना का जलस्तर 206 मीटर के पार जाने की आशंका है। इसकी चेतावनी जारी कर दी गई है।दिल्ली सरकार की ओर से यमुना के तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को सावधान रहने और पानी बढ़ने पर लोगों को घर खाली करने के लिए सतर्क रहने के आदेश दे दिए गए हैं। प्रशासन ने यमुना के तटीय इलाकों में बाढ़ से निपटने की तैयारियां बढ़ा दी हैं। यमुना बाजार में नदी के किनारे दीवार को मजबूत किया गया है, ताकि पानी बढ़ने पर ये तेजी से बाजार में न घुस पाए, लेकिन यमुना बाजार के आसपास के सीवर अभी से ओवर फ्लो होने लग गए हैं।
2023 में अचानक आई बाढ़
2023 में 10 जुलाई को शाम 3 बजे यमुना का जलस्तर 205.10 मीटर था लेकिन हथिनीकुंड बैराज से एक साथ 2,15,677 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और 11 जुलाई को दिल्ली में बाढ़ आ गई थी। यमुना का जलस्तर सुबह 10 बजे ही 206.34 मीटर के पार चला गया था। 11 जुलाई को फिर से एक साथ सबसे अधिक 3,44,035 क्यूसेक पानी हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया। 12 जुलाई को यमुना का जलस्तर 207.38 मीटर था।
208.48 मीटर पहुंचा था जलस्तर
भारी मात्रा में पानी छोड़ने से 13 जुलाई, 23 को दिल्ली में बाढ़ का 45 साल का रिकार्ड ध्वस्त हो गया था। दिल्ली में यमुना का जलस्तर 208.48 मीटर तक पहुंच गया था। बाढ़ का पानी कश्मीरी गेट आईएसबीटी के परिसर तक में पहुंच गया था। आउटर रिंग रोड पर रेलवे अंडरपास लबालब था। इस रूट से आवागमन बंद हो गया था। यमुना बाजार, एमनेस्टी मार्केट सब डूबे हुए थे। सबसे ज्यादा नुकसान यमुना खादर में हुआ था। लोगों के घरेलू सामान बह गए थे। लोग अपने पालतू पशुओं को नदी से नहीं निकाल पाए थे। करीब 3000 से अधिक लोगों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर सुरक्षित निकाला गया। करीब महीने भर बाढ़ से जनजीवन प्रभावित रहा।