
दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बड़ा फैसला लेते हुए GRAP-1 के प्रतिबंधों को हटा दिया है.
दिल्ली-NCR में प्रदूषण के स्तर में गिरावट की वजह से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बड़ा फैसला लिया है. GRAP-1 के प्रतिबंधों को हटाने का फैसला लिया गया है. GRAP पर CAQM सब कमेटी ने पूरे एनसीआर में ग्रैप स्टेज-1 को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है.
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर शनिवार (17 मई) को GRAP-1 को लागू कर दिया गया था. प्रदूषण को कम करने के लिए इसे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम समेत एनसीआर के अन्य शहरों में इसे लागू किया गया था. कमीशन ऑफ एयर क्वालिटी इंडेक्स मैनेजमेंट (CAQM) की ओर से इस संबंध में फैसला लिया जाता है.
दिल्ली-NCR की हवा हो गई थी खराब
पिछले कुछ दिन में देश की राजधानी दिल्ली का प्रदूषण से हाल बेहाल हो गया था. गुरुवार (15 मई) को धूल भरी आंधी के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQI) बिगड़ गई. केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली में शुक्रवार (16 मई) सुबह 7 बजे तक औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 अंक पर बना हुआ था. यह अंक वायु गुणवत्ता की बहुत खराब स्थिति को दर्शाता है.
क्या है GRAP?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण से निपटने को लेकर बनाया गया एक इमरजेंसी उपाय है. GRAP-1 के तहत आयोग ने खास तौर पर निर्माण और विध्वंस गतिविधियों में प्रदूषण कम करने के उपायों का पालन करने की बात शामिल है क्योंकि गर्मियों में दिल्ली के प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान इन्हीं का होता है.
ग्रैप स्टेज-1 के तहत लोगों से अपनी गाड़ियों के इंजन की नियमित जांच और सही ट्यूनिंग कराने, गाड़ियों के टायरों में उचित एयर प्रेशर बनाए रखने और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र को अपडेट रखने के लिए कहा जाता है. हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपनाने पर जोर दिया जाता है.
ग्रैप का कौन सा स्टेज कब होता है लागू?
ग्रैप का पहला स्टेज तब लागू होता है, जब AQI 201 से 300 के बीच रहता है. इसके बाद दूसरा चरण एक्यूआई 301 से 400 के बीच रहने पर लागू किया जाता है, जबकि तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 रहने पर लागू होता है. वहीं, एक्यूआई के 450 से अधिक होने पर ग्रैप के चौथे चरण को अमल में लाया जाता है.