
पिंजरापोल गौशाला के वैदिक पड़ांध अनुसंधान केंद्र में हजारों की संख्या में दीपक तैयार किए जा रहे हैं. यह विशेष दीपक न केवल रोशनी देंगे बल्कि इनसे हवन सामग्री जैसी सुगंध भी फैलेगी. देशभर में दीपोत्सव का त्यौहार बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष दीपोत्सव को लेकर अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर में भी बड़ा आयोजन किया जाना है. अयोध्या में इस दीपावली पर जलने वाली 26 लाख दिए में जयपुर की पिंजरापोल गौशाला में बने दीपक भी शामिल होंगे. गाय के गोबर से बने यह दीपक खास तौर पर अयोध्या में मनाए जाने वाली दीपावली के लिए तैयार किया जा रहे हैं.
जयपुर की पिंजरापोल गौशाला से लाखों दीपक अयोध्या पहुंचेंगे. रामलला अयोध्या सेवा समिति अयोध्या धाम के अध्यक्ष डॉ. आचार्य राजनंद शास्त्री ने जयपुर में इन दियों की तैयारीयों का जायजा लिया. पहली बार इस तरह 26 लाख दीपक अयोध्या के रामलीला मंदिर की शोभा बढ़ाएंगे.
दीपक इसलिए होंगे खास
जयपुर के टोंक रोड स्थित पिंजरापोल गौशाला के वैदिक पड़ांध अनुसंधान केंद्र में हजारों की संख्या में दीपक तैयार किए जा रहे हैं. यह विशेष दीपक न केवल रोशनी देंगे बल्कि इनके जलने से हवन सामग्री जैसी सुगंध भी वातावरण में फैलेगी. जिससे वातावरण दूषित भी नहीं होगा बल्कि और सुगंधित माहौल बनेगा.
पिंजरापोल गौशाला में होती है हजारों गायों की सेवा
इस दौरान डॉ. आचार्य राजनंद शास्त्री ने गौशाला में वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ गौ पूजन किया और इस दौरान सैकड़ो श्रद्धालुओं ने गायों को हरा चारा व गुड़ खिलाया. पिंजरापोल गौशाला में हजारों गायों की सेवा की जाती है, यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु गायों की सेवा के लिए पहुंचते हैं. सनातन संस्कृति में गौ सेवा को सबसे ऊपर रखा गया है. डॉ. आचार्य राजनंद शास्त्री ने बताया कि गौ सेवा एक परंपरा नहीं बल्कि पर्यावरण संरक्षण का आधार भी है सभी को अपने जीवन में गौ सेवा को अपनाना चाहिए जिससे संस्कृति की पहचान को और मजबूती मिल सके. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर में दिवाली पर लाखों दीपक जलाए जाते हैं.