दमोह फर्जी डॉक्टर मामले में MP सरकार सख्त, CM मोहन यादव बोले- ‘बिना देरी किए…’

 मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि दमोह में सामने आई घटना में हमारी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है. हमारी सरकार ऐसे मामलों के खिलाफ कार्रवाई करने में बिल्कुल भी समय नहीं लगाएगी. मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक मिशनरी अस्पताल में एक फर्जी हृदयरोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) द्वारा कथित तौर पर इलाज किए जाने के बाद सात लोगों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश सरकार सख्त नजर आ रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस मामले में हम सख्त कार्रवाई करेंगे.

सीएम मोहन यादव ने सोमवार (7 अप्रैल) को कहा कि उनकी सरकार दमोह के मिशनरी अस्पताल में कथित तौर पर सात मरीजों की मौत का कारण बने एक “फर्जी” डॉक्टर से जुड़े मामले में सख्त कार्रवाई करेगी. मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे मामलों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई देरी नहीं करेगी. उन्होंने निर्देश दिया कि अगर राज्य में ऐसा कोई अन्य मामला है, तो स्वास्थ्य विभाग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे.

सख्त कार्रवाई करेगी सरकार- सीएम मोहन यादव
मुख्यमंत्री यादव ने संवाददाताओं से कहा, “दमोह में सामने आई घटना में हमारी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है. हमारी सरकार ऐसे मामलों के खिलाफ कार्रवाई करने में बिल्कुल भी समय नहीं लगाएगी. हमारी सरकार ने अपनी साख बनाई है. मैंने निर्देश दिया है कि अगर ऐसा कोई अन्य मामला है, तो स्वास्थ्य विभाग उनके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाए.”

मानवाधिकार आयोग करेगा जांच
वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है. एनएचआरसी के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम सात से नौ अप्रैल तक दमोह में रहेगी.

फर्जी डॉक्टर के इलाज से 7 की मौत
बता दें कि एनएचआरसी में एक स्थानीय निवासी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार अस्पताल में काम करने वाले डॉ. एन जॉन कैम नामक व्यक्ति ने खुद को विदेश से शिक्षित और प्रशिक्षित बताया था. शिकायतकर्ता ने दावा किया कि व्यक्ति का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उसने ब्रिटेन के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर जॉन कैम के नाम का दुरुपयोग कर मरीजों को गुमराह किया और उसके गलत इलाज के कारण मरीजों की मौत हो गई.

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