तहव्वुर राणा पर छिड़ा क्रेडिट वॉर! कांग्रेस का दावा- UPA सरकार की कोशिश से हुआ प्रत्यर्पण, मोदी सरकार का 1% भी हाथ नहीं

कांग्रेस के अनुसार तहव्वुर राणा को भारत लाना यूपीए सरकार की कूटनीति का नतीजा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि 2014 के बाद से केंद्र सरकार की ओर से जांच को आगे नहीं बढ़ाया गया. मुंबई हमले के आतंकी तहव्वुर राणा को भारत लाये जाने और NIA की रिमांड पर भेजे जाने को लेकर अब क्रेडिट वॉर भी शुरू हो गयी है. एक तरफ कांग्रेस दावा कर रही है कि यूपीए सरकार को प्रयासों के चलते तहव्वुर राणा आज भारत लाया जा सका है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने इसके जवाब में कहा कि कांग्रेस ने आतंकियों को सजा देने के लिए कुछ नहीं किया. 

‘यूपीए सरकार की कूटनीति का नतीजा’

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर यूपीए सरकार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि तहव्वुर राणा को भारत लाना यूपीए सरकार की कूटनीति का नतीजा है, जबकि मोदी सरकार इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है. वहीं यूपीए सरकार के दौरान मंत्री रहे कपिल सिब्बल ने भी इस बारे में जानकारी देते हुये कहा कि मैं सरकार को मुबारकबाद देता हूं कि आज तहव्वुर राणा को हिंदुस्तान लाया गया.

कपिल सिब्बल ने कहा, “यूपीए सरकार के दौरान ही NIA का गठन हुआ था. उस समय चिदंबरम होम मिनिस्टर थे. हेडली और तहव्वुर राणा के खिलाफ एक केस रजिस्टर हुआ था. तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी शिकागो में हुई. कुछ आरोपों में उसको रिहा कर दिया गया था. ये पहले पाकिस्तान आर्मी में था फिर कनाडा की नागरिकता ले ली थी.”

हमने तहव्वुर को हिरासत में लेने की कोशिश की- कपिल सिब्बल

कपिव सिब्बल ने कहा, “तब हमने इसका विरोध किया और हमने हिरासत में लेने का प्रयास किया. फिर 2009 में चार्जशीट दाखिल की गयी. NIA की टीम अमेरिका पंहुची और हमारी रिक्वेस्ट पर NIA की टीम को हेडली से पूछताछ करने का मौका मिला. इस दौरान पता चला कि तहव्वुर राणा ने भारत में एक इमिग्रेशन सेंटर खोला. तहव्वुर राणा ने तब कहा कि हेडली इसके हेड होगे. इसके चलते दो साल हेडली यहां आता रहा. ये पूरी षड़यंत्र थी, जो NIA की पूछताछ में सामने आयी थी.” 

कपिल सिब्बल ने कहा कि इसके बाद प्रत्यर्पण की लगातार कोशिश होती रही. लेकिन अब ये सफलता मिल पायी. यूपीए सरकार और मौजूदा सरकार दोनों की कोशिश रही कि आज तहव्वुर राणा भारत लाया जा सका है.  तहव्वुर राणा को लेकर छिड़े क्रेडिट वॉर पर कपिल सिब्बल ने कहा कि यूपीए सरकार की ही कोशिश थी कि हेडली से NIA को पूछताछ के दौरान सब कुछ मिला, जो कोर्ट में सुबूत के तौर पर अब रखा जाएगा. उन्होंने कहा, “तत्कालीन सरकार ने तब अमेरिकी सरकार पर दबाव बनाने के लिये हिलेरी क्लिंटन से भी इस मामले में मुलाकातें की थी. आज इस मामले में जो भी हो रहा है वो तब की सरकार की कोशिशों के कारण हो रहा है. हमें इस बात पर खुश होना चाहिए कि उसे भारत लाया जा सका है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिये.”

फास्ट ट्रैक करके जल्द सुनवाई की व्यवस्था हो’

कपिल सिब्बल ने कहा, “जहां-जहां भी आतंकवाद है वहां सरकारों को मिलकर आवाज उठानी चाहिए, लेकिन सरकारें सेलेक्टिव हो गई है. सरकार को इस पर फास्ट ट्रैक करके जल्द सुनवाई करने की व्यवस्था करनी चाहिए. तहव्वुर राणा से पूछताछ में ये भी पता चलेगा कि पाकिस्तान के कौन-कौन से लोग इसमें शामिल थे.” 

इस क्रेडिट वॉर पर कांग्रेस नेता उदित राज का भी बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि 2011 में जो इस मामले में डोजियर दिया गया था, वो मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान दिया गया था. इसमें मुख्य आरोपी हेडली था. उदित राज ने कहा, “हेडली को तो ये सरकार लेकर नहीं आयी. राणा को लाने में 11 साल लग गए. दाऊद को लेकर आने वाले थे उसका क्या हुआ? ये सब नौटंकीबाज हैं. ये लोग कुछ नहीं करते हैं, जो भी कुछ किया बैकग्राउंड बनाया वह कांग्रेस पार्टी की ओर से बनाया गया है

Related Articles

Back to top button