डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले, एम्स की तर्ज पर पीजीआई को करेंगे विकसित

उप मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जिले में स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए समीक्षा की जाए। कमियों को दूर किया जाए।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि एसजीपीजीआई को हमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की तर्ज पर विकसित करना है। बहुत जल्द पीजीआई में नए विभाग खुलेंगे। यहां बेड की संख्या बढ़ाई जाए ताकि कोई भी मरीज लौटने न पाए। हर व्यक्ति को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। ये बातें उन्होंने शनिवार को एनेक्सी सभागार में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा बैठक के दौरान कहीं।

उप मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जिले में स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए समीक्षा की जाए। कमियों को दूर किया जाए। मिशन निरामया की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हम अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एड्स की जांच और इलाज की हमारे पास सबसे अच्छी व्यवस्था है। एक मिशन की तरह जांच अभियान चलाए जाएं ताकि कोई मरीज न छूटे। चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों के साथ हुई बैठक में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा जो भी योजनाएं चल रही है, उनका लाभ सीधे आमजन को मिलना चाहिए। किसी भी अस्पताल में दवाओं की कमी नहीं है।

यूपी देश में अकेला ऐसा राज्य है, जो चिकित्सकों को पांच लाख रुपये तक वेतन दे रहा है। उन्होंने कहा कि सभी को इलाज मुहैया कराया जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी, स्टेट इनोवेशंस इन फैमिली प्लानिंग सर्विसेज प्रोजेक्ट एजेंसी, स्टेट एजेंसी फॉर कांप्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंट्रीग्रेटेड सर्विस (सांचीज) एवं उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैसिलिटी के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा, एसजीपीजीआई और कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान सहित सभी चिकित्सा संस्थानों के निदेशक व कुलपति मौजूद रहे।

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