
विश्वास कुमार रमेश ने कहा कि उन्हें अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि वह इस खतरनाक विमान हादसे में बच गए हैं, जिसने 265 लोगों की जान ले ली. एअर इंडिया विमान हादसे के इकलौते सर्वाइवर विश्वास कुमार रमेश ने बताया है कि फ्लाइट के क्रैश होने से ठीक 30 सेकेंड पहले क्या-क्या हुआ था. उन्होंने बताया कि विमान से बाहर कूदने के बावजूद उनको इसलिए कुछ नहीं हुआ क्योंकि वह जहां बैठे थे प्लेन का वो हिस्सा जमीन पर गिरा. उन्होंने बताया कि सबकुछ इतनी तेजी से हुआ कि कोई कुछ समझ ही नहीं पाया.
अहमदाबाद से एअर इंडिया की AI171 फ्लाइट 12 जून को लंदन जा रही थी, लेकिन टेक ऑफ के कुछ सेकेंड बाद ही वह क्रैश हो गई. विमान में सवार क्रू मेंबर और पायलट समेत सभी 241 लोगों की मौत हो गई थी. रमेश इकलौते इंसान हैं जो इस भयावह हादसे में बचे. उनका कहना है कि उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि कैसे वह चमत्कारिक रूप से उस हादसे में बच गए हैं जिसमें 265 लोगों की जान चली गई है. प्लेन का एक हिस्सा मेडिकल कॉलेज की मेस पर गिरा, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों की भी जान गई है.
रमेश ब्रिटिश नागरिक हैं और लीसेस्टर में रहते हैं. उन्होंने कहा कि अहमदाबाद से लंदन के गैटविक के लिए नौ घंटे की यात्रा पूरी करने के लिए विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद रुक गया और हरी और सफेद बत्तियां जल उठीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहर के सिविल अस्पताल में भर्ती रमेश से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा.
डीडी न्यूज को दिए इंटरव्यू में रमेश ने कहा, ‘यह सब मेरी आंखों के सामने हुआ. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मैं कैसे बच गया.’ उन्होंने कहा, ‘एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं, लेकिन जब मेरी आंखें खुलीं तो मैं जीवित था. मैंने सीट से अपनी बेल्ट खोली और बाहर निकल आया.’
रमेश ने कहा, ‘मेरी आंखों के सामने एयरहोस्टेस और अंकल-आंटियों की मौत हो गई. एक मिनट के भीतर ऐसा लगा कि विमान रुक गया है. हरी और सफेद बत्तियां जल रही थीं. ऐसा लग रहा था कि वे विमान को और अधिक गति देने के लिए दौड़ लगा रही हैं और विमान एक इमारत से टकरा गया.’रमेश अहमदाबाद-लंदन AI171 फ्लाइट ऑपरेट करने वाले 12 साल पुराने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान की सीट संख्या 11A पर बैठे थे, ये एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान की इकोनॉमी क्लास की पहली पंक्ति की छह सीटों में से एक है. सीट मानचित्र के अनुसार, यह आपातकालीन निकास के पास एक खिड़की वाली सीट थी और विमान के फ्लाइट अटेंडट के लिए बनाए गए स्थान से सटी हुई थी.
रमेश ने बताया कि प्लेन में वह जहां बैठे थे, वो हिस्सा हॉस्टल से नहीं टकराया, जिससे वह मलबे से दूर जा सके. उन्होंने कहा, ‘विमान में जहां मैं बैठा था वह हिस्सा जमीन पर गिरा. मेरे पास थोड़ी जगह थी. जब दरवाजा खुला, तो मैं एक जगह ढूंढ़ पाया और भाग निकला. मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मैं जिंदा हूं. आग में मेरा बायां हाथ जल गया, लेकिन मैं दुर्घटनास्थल से बाहर निकल आया. मुझे यहां अच्छा इलाज मिला.’
रमेश मूल रूप से केंद्रशासित क्षेत्र दमन दीव के निवासी हैं और ब्रिटेन की राजधानी लंदन से 140 किलोमीटर दूर लीसेस्टर में रहते हैं. दुर्घटनाग्रस्त विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे और उनकी भी इस हादसे में मृत्यु हो गई है.