
झारखंड: सुरक्षा बलों ने राज्य में बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी अभियान चलाया है। पिछले कुछ दिनों में तीन खूंखार माओवादियों को ढेर कर दिया गया है, जिनमें से एक सोमवार को मारा गया।
झारखंड में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में नक्सली कमांडर को मार गिराया है। शीर्ष माओवादी कमांडर तुलसी भुइयां के रूप में हुई है। एक अन्य नक्सली को भी गाली लगी है। उस पर 15 लाख रुपये का इनाम है। जानकारी के मुताबिक, पलामू जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का एक कमांडर मारा गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि मुठभेड़ में 15 लाख रुपये का इनामी एक अन्य माओवादी घायल हुआ है।
पुलिस ने बताया कि सोमवार देर रात मोहम्मदगंज और हैदरनगर पुलिस थानों की सीमा के बीच सीताचुआं इलाके के पास सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान के दौरान एक सेल्फ-लोडिंग राइफल समेत कई हथियार बरामद किए गए।
पलामू के डीआईजी वाईएस रमेश ने बताया कि पलामू में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ के बाद भाकपा (माओवादी) का शव बरामद किया गया है। पहचान की प्रक्रिया जारी है। हालांकि, एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह शीर्ष माओवादी कमांडर तुलसी भुइयां का शव है। एक अन्य माओवादी नितेश यादव को गोली लगी है। उस पर 15 लाख रुपये का इनाम है। हालांकि, रमेश ने कहा कि इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है।
राज्य में बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी अभियान
सुरक्षा बलों ने राज्य में बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी अभियान चलाया है। पिछले कुछ दिनों में तीन खूंखार माओवादियों को ढेर कर दिया गया है, जिनमें से एक सोमवार को मारा गया। पास के लातेहार जिले में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के सदस्य मनीष यादव, जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम था, सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया, जबकि एक अन्य लाल विद्रोही को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार माओवादी कुंदन सिंह खरवार, संगठन का एक जोनल कमांडर था, जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम था। उसके कब्जे से दो एक्स-95 स्वचालित राइफलें और गोला-बारूद बरामद किया गया।
मनीष और कुंदन पिछले 12 वर्षों से सीपीआई (माओवादी) में सक्रिय थे और मनीष 40 मामलों में वांछित था, जबकि कुंदन 27 मामलों में। दोनों कई घटनाओं में शामिल थे, जिसमें 7 जनवरी, 2013 को बरवाडीह पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत अमवतीकर टोला में हुई मुठभेड़ भी शामिल है, जिसमें 10 पुलिसकर्मी मारे गए थे और 15 घायल हो गए थे।
24 मई को पप्पू लोहरा और प्रभात गंझू को मार गिराया था
इससे पहले 24 मई को प्रतिबंधित झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के प्रमुख पप्पू लोहरा और उसके सहयोगी प्रभात गंझू को एक ऑपरेशन के दौरान मार गिराया गया था। पप्पू पर 5 लाख रुपये का इनाम था। लोहरा लोहरदगा, गुमला, चतरा, पलामू और लातेहार जैसे कई जिलों में हत्या, जबरन वसूली और आगजनी समेत 98 मामलों में वांछित था, जबकि गंझू 15 मामलों में वांछित था। दोनों कथित तौर पर सितंबर 2021 में एक ऑपरेशन के दौरान झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार की हत्या में शामिल थे।