झारखंड में CAG रिपोर्ट से मचा हड़कंप, कोरोना फंड घोटाले के आरोपों पर गरमाई राजनीति

कैग रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही झारखंड की राजनीति गर्मा गई है। विपक्ष ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे विपक्ष की साजिश बताया है।

झारखंड को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने राज्य में बड़ा राजनीतिक भूचाल ला दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा झारखंड सरकार को भेजी गई राशि में से केवल 32% ही खर्च हुई। शेष राशि का कोई ठोस लेखा-जोखा नहीं है, जिससे कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परियोजनाएं अधूरी रह गईं।

रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही झारखंड की राजनीति गर्मा गई है। विपक्ष ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे विपक्ष की साजिश बताया है।

CAG रिपोर्ट के चौंकाने वाले खुलासे
CAG की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड राहत और चिकित्सा व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार ने झारखंड को जो आर्थिक सहायता दी थी, उसका सही तरीके से उपयोग नहीं हुआ। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इस फंड का केवल 32% हिस्सा ही खर्च किया गया, जबकि बाकी राशि के उपयोग का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं है।

इसका नतीजा यह हुआ कि राज्य में कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परियोजनाएं पूरी नहीं हो पाईं, जिनमें शामिल हैं:-

जिला स्तर पर आरटी-पीसीआर प्रयोगशालाओं की स्थापना नहीं हो पाई
रांची में शिशु चिकित्सा उत्कृष्टता केंद्र नहीं बन सका
सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र), पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और एचएससी (स्वास्थ्य उपकेंद्र) में बुनियादी संरचनाएं विकसित नहीं हुईं
तरल चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना नहीं हो पाई
इन खुलासों के बाद राज्य में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।

जदयू विधायक सरयू राय ने लगाया घोटाले का आरोप
CAG रिपोर्ट आने के बाद झारखंड के पूर्व मंत्री और वर्तमान जदयू विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य विभाग पर निशाना साधा और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भी सरकार ने लूट-खसोट से परहेज नहीं किया। सरयू राय ने कहा कि झारखंड सरकार हमेशा केंद्र सरकार पर पैसे नहीं देने का आरोप लगाती है, लेकिन CAG रिपोर्ट ने सच्चाई उजागर कर दी है। कोरोना फंड का सिर्फ 32% उपयोग किया गया, वह भी अनियमितताओं से भरा हुआ है। न सिर्फ कोविड राहत बल्कि स्वास्थ्य विभाग ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी गड़बड़ी की है।

उन्होंने बन्ना गुप्ता के कार्यकाल के दौरान घटिया दवाओं की खरीद, रेमडेसिविर की कालाबाजारी और अस्पताल निर्माण में घोटाले के आरोप लगाए। सरयू राय ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की है।

स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने किया पलटवार
CAG रिपोर्ट को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए झारखंड के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार की तत्परता को देखकर विपक्ष बौखला गया है और अब झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।

इरफान अंसारी ने कहा कि कोरोना जैसी विकट परिस्थिति में झारखंड सरकार ने बेहतरीन कार्य किया। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की देखरेख में राज्य ने महामारी से उबरने का काम किया। विपक्ष सिर्फ झूठ फैलाकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर CAG रिपोर्ट में कुछ मुद्दे उठाए गए हैं, तो सरकार उनकी समीक्षा करेगी और आवश्यक सुधार करेगी।

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