झारखंड: जबरन वसूली और धनशोधन मामले में एनआईए की बड़ी कार्रवाई

नक्सली समूह के द्वारा जबरन वसूली और धनशोधन मामले में एनआईए ने बड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड के तीन स्थानों पर छापेमारी की। एनआईए के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस छापेमारी के दौरान कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य सामान जब्त किया गया।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को झारखंड के चतरा जिले में तीन जगहों पर तलाशी ली। यह तलाशी नक्सली समूह द्वारा जबरन वसूली और धन शोधन की जांच के तहत की गई। एनआईए के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार तलाशी के दौरान कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य सामान जब्त किया गया। यह तलाशी प्रतिबंधित नक्सली संगठन सीपीआई (माओवादी) के एक और गुट, टीएसपीसी, से जुड़े एक मामले में की गई।

एनआईए ने दी जानकारी
मामले में एनआईए ने आगे बताया कि यह जांच टीएसपीसी के प्रमुख नेताओं और उनके मददगारों से जुड़ी है, जिनके ठिकानों पर तलाशी ली गई। बता दें कि यह मामला पहली बार जनवरी 2016 में टंडवा पुलिस ने दर्ज किया था और बाद में फरवरी 2018 में एनआईए ने इसे अपने हाथ में लिया। अब तक एनआईए ने इस मामले में 21 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए हैं और जांच जारी है।

बीते दिनों इन राज्यों में की थी छापेमारी
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बीते 18 दिसंबर को अंतरराज्यीय हथियार तस्करी मामले में चार राज्यों में कई स्थानों पर तलाशी ली। आधिकारिक बयान के अनुसार, यह तलाशी बिहार (12 स्थान), नागालैंड (3 स्थान), हरियाणा (1 स्थान) और जम्मू-कश्मीर (1 स्थान) में 15 आरोपियों के घरों पर की गई थी।

315 राइफल किए थे जब्त
मामले में एनआईए के बयान में कहा था कि तलाशी के दौरान .315 राइफल, 11 राउंड, 3 खाली कारतूस, मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव और अन्य डिजिटल डिवाइस के अलावा, हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल और उपकरण बरामद हुए। इसके अलावा एक कार और 13,94,840 रुपये की नकदी, साथ ही कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए।विज्ञापन

प्रतिबंधित हथियारों से जुड़ा मामला
यह मामला एके-47 राइफल और अन्य प्रतिबंधित हथियारों की तस्करी से जुड़ा था, जिन्हें नगालैंड और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से तस्करी करके लाया जा रहा था। जांच में यह भी सामने आया कि बिहार तस्करी के लिए मुख्य गंतव्य था और इसे पारगमन मार्ग के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था। अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी कई सालों से हथियारों की तस्करी में शामिल थे।

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