जयपुर: स्कूलों में शैक्षणिक सत्र जुलाई की जगह अप्रेल करना चाहती है सरकार

राजस्थान में सरकारी स्कूलों का शैक्षणिक सत्र जुलाई के बजाय 1 अप्रैल से शुरू किया जा सकता है। शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र में बदलाव को लेकर कवायद शुरू कर दी है। इस मामले में शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुणाल ने हाल में एक बैठक भी बुलाई थी जिसमें शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत को अप्रैल से करने के लिए शिविरा पंचांग में बदलाव और शिक्षा समय-सारणी में आवश्यक समायोजन पर चर्चा की गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह बदलाव इस मकसद से किया जा रहा है ताकि सरकारी स्कूल भी निजी स्कूलों की प्रतिस्पर्धा में टिक सकें। राजस्थान में निजी स्कूलों का शैक्षणिक सत्र अप्रैल से ही शुरू हो जाता है। जबकि सरकारी स्कूल में मार्च में परीक्षा खत्म होने के बाद स्कूल फिर से खुलने के बीच लंबा गैप आ जाता है। इस बीच निजी स्कूल वाले कई बच्चों को सरकारी स्कूल से तोड़कर अपने स्कूलों में दाखिला करवा लेते हैं। इसके साथ ही सत्र पहले शुरू होने से छात्रों का कोर्स भी समय पर पूरा हो सकेगा।

बैठक में सुझाव दिया गया कि 15 अप्रैल से 1 मई के बीच कम‑से‑कम 20 % अध्याय पूरा किया जाए, यदि पुस्तकों की समय पर आपूर्ति हो सके। साथ ही राज्य में परीक्षा समय-सारणी को CBSE के साथ करने के प्रस्ताव पर विचार किया गया। इसके लिए परीक्षा पेटर्न में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। जिसमें इंटरनल असेसमेंट्स को घटाने व विषय परीक्षाओं को मार्च 15 तक समाप्त करने जैसे उपाय शामिल हैं।

लेकिन इस प्रक्रिया में कई चुनौतियां भी हैं । राजस्थान के सरकारी स्कूलों में नई कॉपी और किताबों की प्रिंटिंग का काम जुलाई तक पूरा होता है। इतनी बड़ी संख्या में पुस्तकों और कॉपियों को पहले प्रिंट करवाने के लिए बजट भी पहले चाहिए होगा। यह केंद्र सरकार से समग्र शिक्षा अभियान के तहत मिलता है। तो इसके लिए केंद्र सरकार से मांग की जाएगी कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत राजस्थान को जो राशि नए वित्त वर्ष में जारी की जाए उसकी जानकारी पहले से दे दी जाए ताकि उसके अनुसार अपने खर्च पूर्व में ही निर्धारित कर सकें।

Related Articles

Back to top button