
26 अगस्त को अर्धकुंवारी के पास हुए भूस्खलन के बाद श्री माता वैष्णो देवी यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या अब भी सामान्य से काफी नीचे बनी हुई है। यात्रा 22 दिनों तक पूरी तरह ठप रहने के बाद फिर से शुरू हुई है लेकिन प्रतिदिन मात्र तीन हजार के करीब श्रद्धालु ही पंजीकरण करा रहे हैं जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या 25-30 हज़ार तक पहुंच जाती थी।
इस गिरावट के पीछे यात्रा मार्ग की स्थिति के प्रति श्रद्धालुओं में बनी असुरक्षा की भावना और रेल सेवाओं के समय व संख्या में कमी को मुख्य वजह माना जा रहा है। इसका सीधा असर स्थानीय व्यवसायों पर पड़ा है। छोटे दुकानदारों से लेकर होटल उद्योग और घोड़ा-पिठ्ठू मजदूरों तक की आजीविका प्रभावित हुई है।
हालांकि, सप्ताहांत में श्रद्धालुओं की संख्या में मामूली बढ़ोतरी देखी गई। शुक्रवार को लगभग 3,000 और शनिवार शाम तक 2,600 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया, जिससे क्षेत्र में कुछ रौनक लौटी।सभी की निगाहें अब 22 सितंबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र पर टिकी हैं।