जमशेदपुर पुलिस ने नशे के कारोबार का बड़ा भंडाफोड़ किया है जिसमें 25 लाख रुपये से अधिक की नशीली दवाएं जब्त की गई हैं। वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि उलीडीह थाना क्षेत्र में एक दवा दुकान के आड़ में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित नशीली दवा का कारोबार चल रहा था।
जमशेदपुर पुलिस ने नशे के कारोबार का भंडाफोड़ करते हुए 25 लाख रुपये से अधिक की नशीले दवाएं जब्त करने में सफलता प्राप्त की है।
वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने उलीडीह थाना में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि उलीडीह थाना अंतर्गत एक दवा दुकान के आड़ में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित नशीली दवा का कारोबार चल रहा है। इस पर एसएसपी ने एक टीम गठित की।
पुलिस की टीम छापामारी कर दुकान के संचालक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें संचालक राजकुमार गुप्ता, उमेश कुमार गुप्ता और चालक सोनू पांडेय शामिल हैं।
मां वैभव लक्ष्मी मेडिकल दुकान से होता था कारोबार
एसएसपी ने बताया कि डिमना रोड स्थित मां वैभव लक्ष्मी मेडिकल स्टोर से नशे का अवैध कारोबार चल रहा था। दवाइयों को छिपाने के लिए दवा दुकानदार ने एक ऑटो पार्ट्स की दुकान के पीछे और अपने घर में गोदाम बना रखा था। छापेमारी के दौरान इन गोदामों से 25,10,049 रुपये मूल्य की प्रतिबंधित दवाइयां जब्त की गईं।
जोमैटो की तरह नशेड़ियों के लिए घर तक पहुंचाई जाती थी दवाएं
एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि प्रतिबंधित दवाइयों की कीमत बाजार में 10-15 रुपये होती है, लेकिन इन्हें 30-40 कभी-कभी नहीं होने की बात कह कर 80 से 100 रुपये तक में बेचा जाता था।
इन दवाइयों का इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता था और दुकानदार ग्राहकों को जोमैटो की तरह होम डिलीवरी की सुविधा भी प्रदान करता था। उमेश गुप्ता पूर्व में भी नशीले दवाओं की बिक्री के मामले में जेल जा चुका है।
लाइसेंस किसी का और चलाता कोई और था
पुलिस ने बताया कि पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि दवाइयां कोलकाता से मंगाई जाती थी। मेडिकल स्टोर का लाइसेंस राजकुमार गुप्ता के नाम पर था, लेकिन इसका संचालन उमेश कुमार गुप्ता कर रहा था। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि दुकान में क्षमता से अधिक मात्रा में दवाइयों का स्टाक किया गया था।
अपराध को बढ़ावा देने में नशीले दवाओं का अहम योगदान
एसएसपी ने बताया कि अपराध को बढावा देने में इस नशीले दवाओं का अवैध कारोबार का अहम योगदान है। यह कारोबार क्षेत्र में चोरी और अन्य अपराधों को बढ़ावा दे रहा था।
दवा दुकानदार इन प्रतिबंधित दवाइयों को स्थानीय नशेड़ियों तक आसानी से पहुंचा रहा था। जांच में यह भी पाया गया कि ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के लिए दवाइयों की होम डिलीवरी की जा रही थी।
लाइसेंस रद करने की अनुशंसा
एसएसपी ने बताया कि जब्त की गई दवाइयों को सील कर दिया गया है और मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद करने की अनुशंसा की गई है। एसएसपी ने बताया कि अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
छापेमारी टीम में मुख्य रूप से सिटी एसपी कुमार शिवाशीष, ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग, एसपी (प्रशिक्षु) ऋषभ त्रिवेदी, पटमदा डीएसपी बचनदेव कुजूर, डीएसपी (प्रशिक्षु) सन्नी वर्धन, मजिस्ट्रेट सुदीप्त राज, ड्रग निरीक्षक सोना बाड़ा, एमजीएम थानेदार रामबाबू मंडल, उलीडीह थानेदार अमित कुमार आदि शामिल थे।