क्यों बंद करना पड़ा नांदेड़ एयरपोर्ट, रनवे पर कैसे हुए बड़े-बड़े गड्डे

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गंभीर सुरक्षा चूक पाए जाने के बाद नांदेड़ में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी एयरपोर्ट को बंद कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि डीजीसीए ने नांदेड़ एयरपोर्ट में चार गंभीर खामियां पाए जाने के बाद इसे बंद करने का आदेश दिया।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इन खामियों में रनवे पर बड़े-बड़े गड्ढे, बिजली का बैकअप न होना और दमकल की अपर्याप्त गाड़ियां शामिल हैं।
डीजीसीए ने इन खामियों को एल-1 श्रेणी में रखा है। डीजीसीए सुरक्षा संबंधी ऑडिट निष्कर्षों को दो स्तरों में वर्गीकृत करता है- स्तर 1 (एल1) और स्तर 2 (एल2)। एल-1 सबसे गंभीर उल्लंघनों को दिखाता है। इन्हें प्रत्यक्ष सुरक्षा खतरा माना जाता है और इनके लिए एयरलाइन की ओर से तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता होती है। वहीं, एल-2 उल्लंघनों में आमतौर पर प्रक्रियागत गैर-अनुपालन या प्रशासनिक चूक शामिल होती है। ये तत्काल खतरा उत्पन्न नहीं करती हैं, लेकिन फिर भी सुधार की आवश्यकता होती है।

एयरपोर्ट से रोजाना 10 उड़ानें होती हैं संचालित
नांदेड़ एयरपोर्ट प्रतिदिन सात घंटे संचालित होता है और स्टार एयर इसका एकमात्र एयरलाइन ऑपरेटर है। एयरलाइन नांदेड़ से प्रतिदिन 10 उड़ानें संचालित करती है। अधिकारी ने बताया कि डीजीसीए की टिप्पणी थी कि एयरपोर्ट डॉप्लर वीओआर के साथ संचालित होता है, जो उपग्रह आधारित प्रणालियों की तुलना में कम सटीक है। एयरपोर्ट का प्रबंधन करने वाली महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एमएडीसी) ने उन्हें भेजे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया।

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