केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख का एलान कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने आज पत्रकारवार्ता कर इसकी घोषणा की। 20 नवंबर को विधानसभा सीट पर वोटिंग होगी। जबकि 23 नवम्बर को मतगणना होगी।
29 अक्टूबर से नामांकन और चार नवम्बर तक नाम वापसी का मौका मिलेगा। लगभग 92 हजार मतदाता वाले केदारनाथ विस में दिवंगत विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद उप चुनाव होगा। चुनाव आयोग की ओर से उपचुनाव की तारीख का एलान होने के बाद राजधानी देहरादून में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे की प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि रुद्रप्रयाग जिले में आचार संहिता लागू होगी। 90540 मतदाता मतदान करेंगे।
बताया कि चुनाव के लिए कुल 173 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। 166 मतदान केंद्रों पर पोलिंग पार्टियां एक दिन पहले रवाना होंगी। जबकि सात मतदान केंदों पर पोलिंग पार्टियां दो दिन पहले रवाना की जाएंगी। चुनाव के लिए 27 सेक्टर और दो जोन बनाए गए हैं। सेक्टर मजिस्ट्रेट ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक वैसे तो दिसंबर के महीने में केदारनाथ विधानसभा के कुछ क्षेत्रों में बर्फबारी होती है, लेकिन एहतियात के तौर पर पोलिंग टीमों के साथ बर्फबारी से बचाव के पूरे इंतजाम भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
पार्टियों ने कसी कमर
केदारनाथ फतह करने के लिए प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने पूरा जोर लगाया हुआ है। भाजपा ने मंडल से लेकर बूथ स्तर पर एक-एक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसकी मॉनीटरिंग की जा रही है। जिला व ब्लॉक स्तर के सभी पदाधिकारियों को दूरस्थ गांवों में जनसंपर्क के लिए कहा है, जिनसे प्रतिदिन की रिपोर्ट मांगी जा रही है। भाजपा इस उप चुनाव में किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं रखना चाहती। सरकार के कैबिनेट मंत्री, विधायक से लेकर जिला स्तरीय पदाधिकारी व कार्यकर्ता केदारनाथ विस के गांव-गांव जाकर एक-एक मतदाता से संपर्क कर रहे हैं।
वहीं कांग्रेस ने भी केदारनाथ उपचुनाव के लिए कमर कसी हुई है। केदारनाथ उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। कांग्रेस की ओर से जहां आपदा से प्रभावितों की समस्याओं को मुद्दा बनाया जा रहा है। वहीं, केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा से भी पार्टी के पक्ष में एक माहौल बनाने की कोशिश की गई।