मध्यप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना के गृह जिला मुरैना में किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। जिले में पिछले एक हफ्ते से खाद की जबरदस्त मांग बनी हुई है। किसान सुबह से ही खाद बिक्री केंद्रों के बाहर लाइनों में लग रहे हैं। उसके बावजूद किसानों की मांग के अनुरूप खाद नहीं मिल पा रहा है।
मुरैना कृषि उपज मंडी स्थित खाद वितरण केंद्र के बाहर आज मंगलवार को बड़ी संख्या में किसान खाद लेने के लिए पहुंचे, इसमें महिलाएं भी शामिल थी। खाद के लिए टोकन बांटना शुरू ही किया, लेकिन तब तक किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एसडीम और तहसीलदार ने पुलिस की निगरानी में टोकन वितरित करवाए गए।
बता दें कि आज अलसुबह से ही खाद वितरित केंद्रो पर किसानों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। खाद के लिए किसान रात 2 बजे से ही लाइन में लग जाते हैं। उसके बाद 200 से 300 किसानों को ही सिर्फ टोकन मिलते हैं और फिर टोकन बांटना बंद कर दिया जाता है। यह सिर्फ जिला मुख्यालय पर ही नहीं, बल्कि तहसील मुख्ययल पर भी हो रहा है, जिससे कई किसान तो बिना टोकन लिए ही लौट जाते हैं और दूसरे दिन टोकन के लिए लाइन में लगते है।
इसमें कई किसान तो ऐसे हैं जो पिछले चार दिन से खाद के लिए भटक रहे हैं। हालांकि टोकन मिलने के बाद भी इन लोगों की मुसीबतें कम नहीं होती, बल्कि फिर इन्हें खाद के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती हैं। ऐसे में किसानों की रवि की फसल का सीजन है। उन्हें खाद की सख्त जरूरत है। क्योंकि पहले से ही किसान खरीफ की फसल को अति बारिश के चलते नहीं खरीद पाए है। यही वजह है कि वह खाद के लिए सुबह से ही जद्दोजहद कर रहे हैं। जिससे वह रबी की फसल को हाथ में ले सके।
खाद को लेकर के दोनारी गांव के किसानों का कहना है कि कर्मचारियों की लापरवाही है। वह खाद को ब्लैक में स्टॉक कर रहे हैं। सरकार को यह अधिकारी और कर्मचारी यूं ही बदनाम कर रहे हैं। सरकार के द्वारा तो खूब खाद भेजा जा रहा है, लेकिन यह लोग अपने लोगों को चुपचाप से टोकन दे देते हैं। इनके लिए कोई लाइन नहीं है। लाइन में लगकर तो हम चार-चार दिन से परेशान हो गए, लेकिन अभी तक टोकन भी नहीं मिला है। उधर इस पूरे मामले को लेकर के एसडीएम भूपेंद्र सिंह का कहना है कि खाद की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त मात्रा में खाद है, लेकिन भीड़ अधिक हो जाने के चलते कुछ देर के लिए टोकन वितरित करना बंद कराया गया था।