कुंभ की तरह रामलीला को भी पूनम पांडे के नाम पर बदनाम करने की साजिश: स्वामी चक्रपाणि महाराज, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारत हिंदू महासभा

दिल्ली की लव कुश रामलीला कमेटी द्वारा पूनम पांडे को मंदोदरी का किरदार निभाने के लिए चुने जाने के बाद सोशल मीडिया और मीडिया में विवाद तेज हो गया है। इस मामले पर अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कड़ा एतराज़ जताया है।

स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि सोशल मीडिया और मीडिया किसी न किसी रूप में सनातन धर्म के खिलाफ प्रचार में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कुंभ मेले का उदाहरण देते हुए बताया कि उस दौरान मीडिया ने केवल कुछ अभिनेत्रियों को हाईलाइट किया और कुंभ के महत्व को पूरी तरह से उजागर नहीं किया।

उन्होंने कहा, “अगर रामलीला में किसी का किरदार निभाया जा रहा है, जैसे कि मंदोदरी का रोल पूनम पांडे निभा रही हैं, तो उसका उस व्यक्ति से कोई लेना-देना नहीं है। रामलीला में पहले भी कई सालों से जिहादी मानसिकता वाले लोग विभिन्न किरदार निभा चुके हैं। इसका अर्थ यह नहीं कि पूरी रामलीला पर सवाल उठाया जाए।”

स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि रामलीला पूरे देश में मनाई जाती है और इसे किसी भी व्यक्ति के नाम पर विवादित नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि रामलीला को मज़ाक और जातिवाद से जोड़कर दिखाया जा रहा है, जो पूरी तरह अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने स्पष्ट किया, “रामलीला में जो भी किरदार निभाता है, उसे उसी भूमिका के अनुसार देखा जाना चाहिए। किसी कलाकार के नाम पर पूरे पर्व को बदनाम करना गलत है। यह हमारे सनातन धर्म और परंपराओं का पर्व है, और इसका सम्मान होना चाहिए।”

स्वामी चक्रपाणि ने अंत में रामलीला कमेटी से अपील की कि सभी निर्णय सोच-समझकर लिए जाएं और परंपरा का उल्लंघन न हो।

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