ओडिशा: भगवान जगन्नाथ की छवि वाले पायदान बेचने पर बवाल

ओडिशा में अलीएक्सप्रेस द्वारा भगवान जगन्नाथ की तस्वीर वाले पायदान बेचने पर विवाद खड़ा हो गया। राज्य के नेताओं और प्रसिद्ध हस्तियों ने इसे भक्तों की धार्मिक भावनाओं का अपमान बताते हुए कड़ी निंदा की। विरोध के बाद अलीएक्सप्रेस ने उत्पाद हटा दिया।

ओडिशा में उस वक्त बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जब पता चला कि चीनी ई-कॉमर्स वेबसाइट अलीएक्सप्रेस भगवान जगन्नाथ की तस्वीर वाले पायदान (doormat) बेच रही है। राज्य की उप मुख्यमंत्री पार्वती परिदा ने इस कृत्य को ‘अपमानजनक’ बताया और अलीएक्सप्रेस से माफी की मांग की।

उन्होंने एक्स पर उन्होंने लिखा- महाप्रभु जगन्नाथ हर ओडिया के दिल और आत्मा से जुड़े हैं। मैं चीनी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अली एक्सप्रेस द्वारा भगवान जगन्नाथ की तस्वीर वाले पायदान बेचने की कड़ी निंदा करती हूं। इसे तुरंत हटाया जाए और भक्तों से माफी मांगी जाए।

इसके बाद अलीएक्सप्रेस ने कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसने वह उत्पाद हटा दिया गया है। अलीएक्सप्रेस ने लिखा – हम आपकी रिपोर्ट की सराहना करते हैं। इस उत्पाद की समीक्षा की गई है और इसे हटा दिया गया है। आपके सुझावों से हमें अपने प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। धन्यवाद कि आपने हमें एक सुरक्षित और सम्मानजनक ऑनलाइन अनुभव बनाने में सहयोग दिया।

फिरदौस ने अपनी पोस्ट में कहा- भगवान जगन्नाथ की पवित्र तस्वीर वाले पायदान को अली एक्सप्रेस पर बेचने का यह कृत्य घोर निंदनीय है। यह करोड़ों भक्तों की धार्मिक भावनाओं पर सीधा हमला है। तुरंत कार्रवाई हो और सार्वजनिक माफी मांगी जाए।

प्रसिद्ध रेत कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार विजेता सुदर्शन पटनायक ने भी इस घटना की निंदा की। उन्होंने लिखा- जय जगन्नाथ। हम दुनियाभर के सभी भक्तों से अपील करते हैं कि इस अस्वीकार्य कृत्य के खिलाफ आवाज उठाएं। अली एक्सप्रेस पर महाप्रभु जगन्नाथ की पवित्र छवि वाले पायदान बेचना अत्यंत आपत्तिजनक है। इसे हटाएं, माफी मांगें और सुनिश्चित करें कि फिर कभी ऐसा न हो।

पूर्व सांसद और बीजू जनता दल के नेता अमर पटनायक ने भी अलीएक्सप्रेस की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा- मैं भगवान जगन्नाथ की तस्वीर वाले पायदान बेचने के इस निंदनीय कृत्य की घोर भर्त्सना करता हूं। यह करोड़ों भक्तों की धार्मिक भावना का अपमान है। यह अत्यंत अशोभनीय है कि भगवान की छवि को एक वस्तु की तरह इस्तेमाल किया गया। जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी गलती दोबारा न हो।

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