ओंकारेश्वर डैम के चार गेट बंद, इंदिरा सागर के गेटों की ऊंचाई कम की

मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण यहां की नदियां और नाले उफान पर बह रहे हैं। बारिश के कारण नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था, जिससे खंडवा जिले की तीर्थ नगरी ओमकारेश्वर के घाटों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। तवा और बरगी बांधों के गेट खुले होने के कारण नर्मदा नदी में पानी का बहाव बढ़ा हुआ था। हालांकि, अब बरगी बांध का जलस्तर अगस्त महीने के अनुरूप होने के बाद बांध के गेट बंद कर दिए गए हैं। तवा और हंडिया से आने वाले पानी का बहाव भी कम हो गया है, जिससे नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा है।

श्रद्धालुओं को मिल रहा स्नान और दर्शन का लाभ
नर्मदा के जलस्तर में कमी आने के बाद खंडवा जिले की तीर्थ नगरी ओमकारेश्वर के घाटों से पानी उतरना शुरू हो गया है। इसके चलते, अब श्रद्धालुओं को नर्मदा के पास जाने और घाटों पर स्नान करने की अनुमति मिल गई है। इससे श्रद्धालु खुश हैं और नर्मदा में स्नान कर भगवान ओंकार के दर्शन का पुण्य लाभ ले रहे हैं। पहले नर्मदा में आई बाढ़ के कारण घाटों तक जाना बंद कर दिया गया था, और सुरक्षा के मद्देनज़र नौका विहार भी बंद कर दिया गया था। लेकिन अब, जलस्तर कम होने के बाद इंदिरा सागर परियोजना के गेटों की ऊंचाई कम कर दी गई है और ओंकारेश्वर डैम के चार गेट बंद कर दिए गए हैं।

सहायक बांधों से पानी की आवक में कमी
नर्मदा के बांधों से पानी की आवक कम होते ही, खंडवा जिला प्रशासन ने इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से पानी का डिस्चार्ज कम करवा दिया है। शनिवार तक इंदिरा सागर बांध के 12 गेटों की ऊंचाई एक मीटर कम कर तीन मीटर से दो मीटर कर दी गई थी। ओंकारेश्वर बांध के 19 गेटों से डिस्चार्ज किए जा रहे पानी को भी कम कर दिया गया था।

बांधों से डिस्चार्ज पानी की मात्रा में कमी
शुक्रवार तक इंदिरा सागर जलाशय से 10,408 क्यूमेक्स और ओंकारेश्वर डैम से 10,966 क्यूमेक्स पानी का डिस्चार्ज हो रहा था। लेकिन शनिवार तक यह कम होकर 15,634 क्यूमेक्स रह गया है। नर्मदा का जलस्तर कम होने के साथ ही तीर्थनगरी में बने बाढ़ जैसे हालात भी सुधरने लगे हैं, और श्रद्धालुओं ने घाटों पर स्नान करना शुरू कर दिया है।

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