उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव को बताया लफुआ, CM नीतीश कुमार को दे दी बड़ी सलाह

उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा कि नाचना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन सड़कों पर जिस तरह से लफुआ की तरह नाच रहे हैं, आपकी क्या छवि बन रही है? पढ़िए और क्या कहा है. पटना के मिलर स्कूल के मैदान में राष्ट्रीय लोक मोर्चा की ओर से शुक्रवार (05 सितंबर, 2025) को महारैली का आयोजन हुआ. रैली में काफी भीड़ उमड़ी. इस मौके पर पार्टी के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कुछ लोग कह रहे थे ताकत दिखाने के लिए यह रैली है, अगर ताकत दिखानी होती तो गांधी मैदान में रैली करते. 

महारैली को संबोधित करते हुए एक तरफ जहां कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव को लफुआ कह दिया. तेजस्वी यादव ने कुछ दिनों पहले पटना के मरीन ड्राइव पर रात में डांस किया था. इस पर तंज कसते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अपनी छवि को तो अच्छा रखिए, यह क्या लफुआ की तरह डांस करते हैं. नाचना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन सड़कों पर जिस तरह से लफुआ की तरह नाच रहे हैं, आपकी क्या छवि बन रही है?

नीतीश कुमार का नाम लिए बिना क्या दी सलाह?

उपेंद्र कुशवाहा जहां से भाषण दे रहे थे उसके पास में ही जेडीयू कार्यालय भी है. ऐसे में मंच से नीतीश कुमार या जेडीयू का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, “मैं आज भी मंच से कह रहा हूं… बाउंड्री वॉल के पीछे पार्टी कार्यालय में बैठे हुए लोग सुन रहे होंगे, मैं कहना चाहता हूं कि उत्तराधिकारी उसी विरासत का होना चाहिए जिस पार्टी को कोई भी आगे बढ़ाना चाहता है. समय रहते अगर नहीं तय हुआ तो शोषित समाज दल जिस रूप में समाप्त हुआ नुकसान उस रूप में भी हो सकता है.” बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा यहां नीतीश कुमार के बेटे निशांत को उत्तराधिकारी बनाने की बात कर रहे थे.

‘पार्टी की विरासत संभालने के लिए उत्तराधिकारी चाहिए’

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आज सबसे बड़ा दिन यह है कि जगदेव प्रसाद की पुण्यतिथि है. जगदेव प्रसाद अपने समय में शोषित-वंचित के बड़े नेता थे. वह दबे-कुचले की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन उनकी हत्या हो गई थी. अचानक उनकी मृत्यु से उनकी लड़ाई वहीं से समाप्त हो गई थी. अगर समय से उनकी मृत्यु हुई रहती तो उनकी पार्टी मजबूत रहती और उत्तराधिकारी का वह चयन कर देते, लेकिन उस समय उत्तराधिकारी का चयन नहीं कर पाए थे. अगर उत्तराधिकारी चयन करते तो नीतीश कुमार भी हो सकते थे. किसी पार्टी की विरासत संभालने के लिए उत्तराधिकारी होना चाहिए.

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