उत्तराखंड: समीर सिन्हा बनाए गए वन विभाग चीफ, IFS धन्नजय मोहन ने लिया वीआरएस

 उत्तराखंड वन विभाग को नया बॉस मिला है. उत्तराखंड फॉरेस्ट के नए बॉस के रूप में 1990 बैच के आईएफएससी अधिकारी समीर सिन्हा को बनाया गया है. उत्तराखंड वन महकमें में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है, यहां पर 1988 बैच के आईएफएस धन्नजय मोहन ने अपनी सेवा पूरी होने से करीब दो माह पहले वीआरएस ले लिया है. उन्होंने अपने वीआरएस के लिए 20 जून को शासन को पत्र लिखा था और उनका वीआरएस 21 को मंजूर कर लिया गया. अब उत्तराखंड फॉरेस्ट के नए बॉस के रूप में 1990 बैच के आईएफएससी अधिकारी समीर सिन्हा को बनाया गया है.समीर सिंह ने शनिवार शाम 5 बजे अपना हॉफ का चार्ज किया उनको फिलहाल ये अतिरिक्त चर्च दिया गया है. समीर सिन्हा फिलहाल प्रदेश के कार्यकारी प्रमुख वन संरक्षक के रूप में यह जिम्मेदारी संभालेंगे. बता दें उत्तराखंड केंपस के सीईओ के रूप में समीर सिन्हा कार्यरत हैं, अब समीर सिन्हा के पास लगभग 5 महीने का वक्त है. वो अगले 5 महीने इस पद पर बने रहेंगे, समीर सिन्हा भी इस साल रिटायर हो रहे है.

समीर सिन्हा संभालेंगे वन विभाग की कमान
उत्तराखंड वन विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है. मौजूदा प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. इस तरह उत्तराखंड वन विभाग में मुखिया की जिम्मेदारी देख रहे धनंजय मोहन अब सेवानिवृत्ति हो गए हैं. वन मुखिया की नई कमान समीर सिन्हा को दे दी गई है.

बता दें कि उत्तराखंड वन विभाग में मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे धन्नजय मोहन ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है, धन्नजय मोहन ने ऐसा क्यों किया अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन दिए गए आवेदन में उन्होंने इसके पीछे पारिवारिक कारण बताया है,  धन्नजय मोहन अपने सौम्य व्यवहार के लिए जाने जाते है उनको पक्षियों चिड़ियों और तितलियों के विषय में महारत हासिल है.

कार्बेट पार्क में दे चुके हैं सेवाएं
वहीं समीर सिन्हा की अगर बात की जाए तो उन्होंने कई साल कॉर्बेट पार्क में सेवाएं दी है, पहले वो वहां डिप्टी डायरेक्टर के रूप में सेवा दे रहे थे. इसके बाद में समीर सिन्हा कॉर्बेट पार्क के डायरेक्टर बने और कई साल वहां किया बाद में कुछ समय प्रदेश के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक यानी ( CWLW) भी रहे लेकिन कुछ समय के बाद सरकार ने उनका तबादला कैम्पा में कर दिया था.

अब राज्य सरकार ने उनको एक बार फिर से बड़ी जिम्मेदारी दी है. एबीपी लाइव से उन्होंने कहा, “मेरा अपना फैसला कोई मायने नहीं रखता विभाग के हिसाब से ही सारे फैसले लिए जाएंगे, प्रदेश में हजारों हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण के जद में है, उसे भी मुक्त करना हमारा लक्ष्य है. साथ ही वन्यजीवों के साथ इंसानी जिंदगियों को सुरक्षित रख अभी हमारा काम है. मानव वन्य जीव संघर्ष पर अच्छा काम किया जाएगा.”

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