
बीजेपी के सीधे उम्मीदवारों को कुल 101 सीटें मिलीं और बीजेपी समर्थित (BJP+) उम्मीदवारों को 23 सीटें मिलीं. कुल मिलाकर बीजेपी गुट को 124 सीट पर जीत मिली है.उत्तराखंड में जिला पंचायत सदस्यों के लिए 358 सीटों पर कांग्रेस बीजेपी और निर्दलीय चुनावी मैदान में है. भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करते हुए के सीटों पर भारी मतों से जीत हासिल की है. वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर से सरकार और चुनाव आयोग पर सवालिया निशान खड़ा किया है.
बीजेपी के सीधे उम्मीदवारों को कुल 101 सीटें मिलीं और बीजेपी समर्थित (BJP+) उम्मीदवारों को 23 सीटें मिलीं. कुल मिलाकर बीजेपी गुट को 124 सीट पर जीत मिली है. कांग्रेस के सीधे उम्मीदवारों को 64 सीटें मिलीं और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को 30 सीटें मिलीं. कुल मिलाकर कांग्रेस गुट को 94 सीटें मिली हैं.
बीजेपी को कांग्रेस पर 30 सीटों पर बढ़त
अगर आकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो पंचायत चुनाव में बीजेपी गठबंधन को कुल 124 सीटें मिलीं और कांग्रेस गठबंधन को कुल 94 सीटें मिलीं. मतलब साफ है कि बीजेपी को कांग्रेस पर 30 सीटों की स्पष्ट बढ़त मिली है. 358 में से अभी तक बीजेपी को उसके सहयोगियों 124 ओर कांग्रेस और उसके सहयोगियों को 94 सीटें मिली हैं, इससे साफ है कि प्रदेश में बीजेपी अभी भी अपना दबदबा कायम रखने में कामयाब रही है.
सीएम धामी ने दी जीतने वाले प्रत्याशियों को बधाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जीतने वाले प्रत्याशियों को बधाई दी है और उनको उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दिए हैं और सभी से सरकार के साथ एग्जिट होकर मिलकर अपने क्षेत्र के विकास करने को लेकर आश्वासन दिया है.
बीजेपी ने बरकरार रखा अपना दबदबा
उत्तराखंड में 12 जिलों में पंचायत चुनाव होने थे इनमें अधिकांश जगहों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से अपना दबदबा कायम रखा है और उम्मीद जताई जा रही है कि 12 के 12 जिलों में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनकर आएंगे. इसको लेकर खुद पार्टी के तमाम नेताओं ने खुले तौर पर दावा किया है.