इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच जारी भीषण संघर्ष के दौरान, इटली ने इजरायल पर गंभीर प्रतिबंध लगाते हुए अपने हथियारों और सैन्य सामग्री के निर्यात पर कड़े कदम उठाए हैं। यह फैसला इजरायल की सेना द्वारा गाजा पट्टी और लेबनान के हिस्सों में किए जा रहे सैन्य अभियानों के बाद लिया गया है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने मंगलवार को संसद में इस बात की घोषणा की कि इटली सरकार ने इजरायल को हथियारों और सैन्य उपकरणों के निर्यात के लिए नए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को तुरंत निलंबित कर दिया है।
मेलोनी ने यह भी कहा कि 7 अक्टूबर 2023 के बाद हस्ताक्षरित सभी अनुबंध निष्पादित नहीं होंगे। इसके अलावा, 7 अक्टूबर से पहले जारी किए गए निर्यात लाइसेंसों की भी पुनः समीक्षा की जा रही है, और अब सभी नए लाइसेंसों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। इटली ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब इजरायल पर कई यूरोपीय और पश्चिमी देशों ने अपनी सैन्य नीतियों और मानवीय आधार पर दबाव बढ़ा दिया है। इटली के सहयोगी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के मुकाबले, ये कदम और भी सख्त माने जा रहे हैं।
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मेलोनी ने संसद में यह भी कहा कि इटली की सरकार, गाजा में इजरायली सेना की कार्रवाइयों और मानवीय संकट को देखते हुए, यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सैन्य सामग्री का निर्यात अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करे। इटली का यह निर्णय इजरायल पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव का हिस्सा है। कई मानवाधिकार संगठनों ने गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई के चलते हो रही नागरिक हत्याओं और मानवीय संकट पर गहरी चिंता जताई है।
इटली, जो यूरोपीय यूनियन का एक प्रमुख सदस्य है, ने इस मामले में एक स्पष्ट रुख अपनाते हुए इजरायल की नीतियों की आलोचना की है। इस प्रतिबंध का इजरायल पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर ऐसे समय में जब इजरायल को अपनी सैन्य कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की जरूरत है। इजरायल पहले से ही कई देशों से आलोचना का सामना कर रहा है, और इटली जैसे प्रमुख यूरोपीय देश का यह निर्णय उसकी सैन्य आपूर्ति को मुश्किल में डाल सकता है।