
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के सतत प्रयासों से बिहार आने वाले दिनों में देश का ‘इंडस्ट्रियल हब’ बनकर उभरेगा।
विजय सिन्हा ने बयान जारी कर कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों और निर्णयों से राज्य के लोगों, खासकर युवाओं में आगे बढ़ने की ललक और गतिशीलता आई है, जिसका व्यापक लाभ आने वाले दिनों में प्रदेश को मिलेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजग सरकार ने अपनी नीतियों से आम लोगों को सशक्त करने के बहुमुखी प्रयास किए हैं। मिसाल के तौर पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुधारों से घरेलू बचत को बढ़ावा मिलने के साथ छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर 18 प्रतिशत से घटकर शून्य कर, वाहनों पर 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत, ट्रैक्टर पर 12 प्रतिशत से घटकर 05 प्रतिशत, कला एवं सांस्कृतिक सामग्रियों पर 12 प्रतिशत से घटकर 05 प्रतिशत जीएसटी होने से लघु कुटीर एवं माध्यम उपक्रम (एमएसएमई) आधारित उद्योगों को नई ताकत मिलेगी। साथ ही पर्यटन, सेवा और कृषि से जुड़े व्यापार को इसका सीधा लाभ मिलेगा। ऐसा अनुमान है कि नई जीएसटी व्यवस्था के बाद देश की जीडीपी में तकरीबन 01 प्रतिशत का उछाल आएगा।
सिन्हा ने कहा कि अपनी युवा कार्यशील आबाद के कारण बिहार जैसे राज्य इसके सबसे बड़े लाभार्थी होंगे। इसके अलावा बीते दिनों जो राष्ट्रीय सहकारिता नीति आई है उसका लक्ष्य प्रखंडवार 05-05 मॉडल गांव को विकसित करते हुए अगले 10 वर्षों में 50 करोड़ लोगों को सहकारी ढांचे से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इसका बड़ा लाभ हमारे ग्रामीण, कृषक, महिला और वंचित तबके के उद्यमियों को मिलेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की राजग सरकार ने वित्तीय अनुशासन, बुनियादी ढांचे, विद्युतीकरण और सामाजिक सेवाओं की पहुंच को सुलभ कराया। इस संबंध में एशियन डेवलपमेंट रीसर्च इंस्टीट्यूट (एडीआरआई) की रिपोर्ट ने भी इसकी पुष्टि की है। इसके अनुसार बीते 13 वर्षों में बिजली के औद्योगिक उपभोक्ताओं की संख्या करीब 11 गुना बढ़ी है। कृषि क्षेत्र में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में करीब 09 गुना उछाल आया है। प्रदेश के जो जिले कभी माओवादी हिंसा से ग्रस्त थे आज वे बिहार में विकास के अगुआ बन रहे हैं।