पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के मंदिर ठाकुर श्री द्वारिकाधीश में सोमवार मध्य रात्रि में आराध्य के जन्म पर जय जयकार गूंज उठी। भक्त अपने आराध्य के जन्म के साक्षी बने। इससे पूर्व सुबह से मंदिर में विभिन्न आयोजन हुए। सुबह मंगला के दर्शन 6 बजे से 6:15 बजे तक हुए। 6:30 बजे ठाकुरजी के विग्रह का दूध, दही, घी, बूरा, शहद आदि से पंचामृत अभिषेक मंदिर के मुखिया व उनके सहयोगियों ने किया।
उसके बाद ठाकुरजी को भव्य रत्न जड़ित पोशाक धारण कराकर भव्य शृंगार किया गया। शृंगार के दर्शन 8:30 बजे खुले। सभी झांकियां निरंतर जारी रहीं। शाम को 7:30 बजे उद्यापन के दर्शन खुले। 10:00 बजे जागरण की झांकी हुई। 11:45 बजे ठाकुरजी का पंचांग अभिषेक हुआ। 12 बजने के साथ ही मंदिर में घंटे-घड़ियाल की आवाजें गूंज उठीं। नंद के आनंद भये, जय कन्हैया लाल की से मंदिर प्रांगण गूंज उठा।
बांकेबिहारी की मंगला आरती में 600 भक्तों को ही अनुमति
ठाकुर श्रीबांकेबिहारीजी मंदिर में मंगलवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। मध्यरात्रि जन्म के बाद यहां साल में एक बार होने वाली विशेष मंगला आरती होगी। इस दौरान 600 भक्तों का ही मंदिर में प्रवेश होगा। इसमें सेवायतों की संख्या भी शामिल है। हाईकोर्ट के आदेश पर यह संख्या सीमित की गई है। प्रवेश पासधारकों को ही इस आरती के दौरान मंदिर में प्रवेश मिलेगा। 600 की संख्या पूरी होने के बाद द्वार बंद कर दिए जाएंगे।
हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए पुलिस-प्रशासन ने पास जारी करने की व्यवस्था की है। मगर इन पास को लेकर भी रार छिड़ी है। सेवायत, प्रशासन-पुलिस में ही प्रवेश पासों के बंटवारे को लेकर समन्वय नहीं हो पा रहा है।