अमोनिया, हाइड्रोजन और बिजली से चलने वाले जहाज बनाएगा भारत

75 हजार किलोमीटर लंबी समुद्री तट रेखा वाले भारत में अब जलमार्ग का उपयोग का करते हुए भारत को ‘ब्लू इकोनॉमी’ की दिशा में भी तेजी से बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं। इन्हीं प्रयासों को रणनीतिक रूप से धरातल पर उतारने की सोच के साथ केंद्रीय पोत, पत्तन एवं जलमार्ग मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में दो दिवसीय शिखर सम्मेलन सागरमंथन का आयोजन किया गया है।

पहले दिन इंडिया मैरिटाइम विजन-2047 का रोडमैप साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 50 से अधिक देशों से आए वैश्विक नीति निर्माताओं, समुद्री विशेषज्ञों, उद्योग जगत के दिग्गजों के सामने बताया कि भारत भविष्य के जहाज बनाने की तैयारी कर रहा है, जो अमोनिया, हाइड्रोजन और बिजली जैसे स्वच्छ ईंधन से चलेंगे।

क्या है इंडिया मैरिटाइम विजन-2047

सोनोवाल ने कहा कि समुद्री परिवहन से जुड़ा यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन है। इंडिया मैरिटाइम विजन-2047 कनेक्टिविटी बढ़ाने और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर समुद्री क्षेत्र को बदलने का एक रोडमैप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में सागरमाला और समुद्री अमृतकाल विजन जैसी पहल करते हुए भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में अग्रणी बनाते हुए 2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है। उद्देश्य इस क्षेत्र में भारत में क्रांति लाते हुए बंदरगाह क्षमता, शिपिंग, जहाज निर्माण, अंतर्देशीय जलमार्ग को बढ़ाना है।

2047 तक भारत ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आइएमईईसी) और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा के माध्यम से रणनीतिक व्यापार मार्गों का लाभ उठाते हुए प्रति वर्ष 10,000 मिलियन मीट्रिक टन की बंदरगाह प्रबंधन क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा है।केंद्रीय राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर, ग्रीस के समुद्री मामलों और द्वीपीय नीति मंत्री क्रिस्टोस स्टाइलियानाइडेस, मालदीव के मत्स्य पालन और महासागर संसाधन राज्य मंत्री डॉ. अमजथ अहमद और अर्जेंटीना के रियो नीग्रो प्रांत की राष्ट्रीय प्रतिनिधि मारिया लोरेना विलावरडे सहित विश्वभर के प्रतिनिधि शामिल हुए।

Related Articles

Back to top button