अब भाजपा के चेहरे पर निगाह, सपा-बसपा के प्रत्याशी हो चुके हैं घोषित

भाजपा में पैनल में भेजे गए नामों के अलावा एक चर्चा पिछले 24 घंटे में यह भी होने लगी है कि भाजपा सीसामऊ विधानसभा के उप चुनाव में किसी पूर्व सांसद को उतार सकती है। इससे पहले भी भाजपा एक पूर्व सांसद को मेयर के पद पर उतार चुकी है।

कानपुर के सीसामऊ उपचुनाव को लेकर सपा और बसपा के प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद अब सभी की निगाह भारतीय जनता पार्टी के संभावित चेहरे पर टिकी है। भाजपा की ओर से प्रस्तावित उम्मीदवारों को एक पैनल प्रदेश इकाई के जरिए दिल्ली भेजा जा चुका है। इसमें अभी यह तय नहीं हो पाया है कि पार्टी सीसामऊ में किस बिरादरी को मैदान में उतारेगी।

यही वजह है कि तीन बिरादरी के पांच प्रस्तावित चेहरों को फोकस करते हुए एक पैनल दिल्ली भेजे जाने की चर्चा है। इस पैनल में बिरादरी के हिसाब से जो बताया जा रहा है, उसमें ब्राह्मण, अनुसूचित और वैश्य बिरादरी को रखा गया है। दरअसल सीसामऊ सीट पर उप चुनाव होंगे इसकी चर्चा होने के बाद से 15 दिन पहले तक भाजपा प्रदेश इकाई से इस सीट पर किसी अनुसूचित जाति को इस बार चुनाव में उतारा जाएगा।

लेकिन बीच में वैश्य बिरादरी फिर ब्राह्मण बिरादरी को लेकर भी सक्रियता बढ़ गई। यही वजह है कि तीनों से नाम प्राथमिक सूची में भेजा गया है। फाइनल सूची अभी नहीं बनी है। भेजे के पैनल के मुताबिक ब्राह्मण बिरादरी से प्रस्तावित उम्मीदवारों में पूर्व में सीसामऊ से चुनाव लड़ चुके सुरेश अवस्थी, भाजपा उत्तर जिलाध्यक्ष दीपू पांडे और सांसद सत्यदेव पचौरी के बेटे अनूप पचौरी का नाम है।

सपा की ओर से उतारा गया है महिला प्रत्याशी
इसमें सुरेश अवस्थी और अनूप पचौरी खुले तौर पर अपने टिकट को लेकर पार्टी के सामने बात रख रहे हैं लेकिन दीपू पांडेय अभी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। हालांकि पिछले दो दिन से यह भी कहा जाने लगा है कि सपा की ओर से महिला प्रत्याशी उतारे जाने की वजह से भाजपा में यदि समीकरण बना तो नीतू सिंह को भी मैदान में उतार सकती है। नीतू सिंह पूर्व सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी हैं।

सीसामऊ से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं सलिल
इसी तरह अनुसूचित बिरादरी से जो नाम पैनल में हैं, उसमें संजय सिंह जाटव, उपेंद्र पासवान। इसमें संजय जाटव संघ के विचार परिवार से जुड़े हैं उनके पिता मोतीराम 1977 में जनता पार्टी से सीसामऊ से विधायक रह चुके हैं। जबकि उपेंद्र पासवान घाटमपुर से विधायक रह चुके हैं, दूसरी बार घाटमपुर सीट अपनादल के खाते में चली जाने से उनको टिकट नहीं मिला था। वैश्य बिरादरी से सिर्फ एक नाम एमएलसी सलिल विश्नोई का बताया जा रहा है। सलिल इससे पहले सीसामऊ से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

पूर्व सांसद को विधानसभा चुनाव लड़ाने की भी चर्चा
भाजपा में पैनल में भेजे गए नामों के अलावा एक चर्चा पिछले 24 घंटे में यह भी होने लगी है कि भाजपा सीसामऊ विधानसभा के उप चुनाव में किसी पूर्व सांसद को उतार सकती है। इससे पहले भी भाजपा एक पूर्व सांसद को मेयर के पद पर उतार चुकी है। इससे भी यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी में दावेदारों के बीच ज्यादा खींचतान को देखते हुए इस बार नया और चौंकाने वाला फैसला ले सकती है।

सीसामऊ विधानसभा में जातिगत स्थितियां

हिंदू- 61.28 प्रतिशत (जिसमें अनुसूचित जातियां 12.02 प्रतिशत हैं)
मुस्लिम-36.67 प्रतिशत
ईसाई-0.22 प्रतिशत
सिख-0.10 प्रतिशत
बौद्ध-0.04 प्रतिशत
जैन-0.77 प्रतिशत
अन्य-0.92 प्रतिशत

सीसामऊ में अभी तक हुए विधायक

1974-शिवलाल कांग्रेस
1977- मोतीराम जनता पार्टी
1980-1985 कमला दरियाबादी
1989-शिवकुमार बेरिया, जनतादल
1991-1996- राकेश सोनकर भाजपा
2000-2007- संजीव दरियाबादी कांग्रेस
2012-2022 हाजी इरफान सोलंकी सपा

18 दिनों में सीसामऊ क्षेत्र के विकास कार्य कराने के निर्देश
कैबिनेट मंत्री के निर्देश पर शुक्रवार से नगर निगम ने सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य तेज कर दिए हैं। यह सभी कार्य इसी महीने की 30 तारीख तक पूरे भी कराए जाने हैं। बता दें कि हाल ही में जीआईसी मैदान में हुई जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री ने सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण सहित 176 विकास कार्यों का शिलान्यास किया था।

सीएम ने किया था शिलान्यास, 50 फीसदी काम अभी शेष
गुरुवार को शहर आए कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने नगर आयुक्त ने इन विकास कार्यों की प्रगति पूछी। कहा कि सभी कार्यों को 30 अक्तूबर तक हर हाल में पूरा करा लिया जाए। नगर आयुक्त ने बताया कि 50 प्रतिशत से ज्यादा काम हो गया है। मुख्य अभियंता एसएफए रिजवी को शेष कार्य इसी महीने पूरे करने के निर्देश दिए हैं।

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